Vastu Tips: रसोई में इन बातों का रखें ध्यान (Image Source: AI-Generated)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। धार्मिक मान्यता के अनुसार, रसोई में मां अन्नपूर्णा का वास होता है। इसलिए रसोई में साफ-सफाई का खास ध्यान करने की सलाह दी जाती है। ऐसा माना जाता है कि रसोई से जुड़े वास्तु के नियम का पालन न करने से व्यक्ति को मां अन्नपूर्णा की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है और अन्न की कमी हो सकती है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इसलिए रात को रसोई (Vastu Tips Kitchen) में जूठे बर्तन भूलकर भी नहीं छोड़ने चाहिए। इस गलती को करने से रसोई में मां अन्नपूर्णा का वास नहीं होता है और जीवन में कई परेशानियां आ सकती हैं। ऐसे में आइए इस आर्टिकल में विस्तार से जानते हैं रसोई से जुड़े वास्तु नियम के बारे में।
इन बातों का रखें ध्यान
- वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि रसोई में रात में जूठे बर्तन नहीं छोड़ने चाहिए। इस नियम का पालन न करने से बरकत रुक सकती है और मां अन्नपूर्णा नाराज हो सकती हैं, जिससे अन्न के भंडार खाली हो सकते हैं।
- इसके अलावा रात को रसोई को गंदा नहीं छोड़ना चाहिए। रात को खाना बनाने के बाद रसोई को साफ करें। वास्तु शास्त्र के अनुसार, रात में रसोई को गंदा छोड़ने से आर्थिक तंगी की समस्या बनी सकती है और नकारात्मक ऊर्जा का वास होगा। इसलिए सोने से पहले जूठे बर्तन को धोने के बाद रसोई की साफ-सफाई करें।
- ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, रात में जूठे बर्तन न धोने से परिवार के सदस्यों को राहु-केतु समेत कई ग्रहों के अशुभ का सामना करना पड़ सकता है।
- अगर आप किसी वजह से रात को जूठे बर्तन नहीं धो पा रहे हैं, तो जूठे बर्तनों को पानी से साफ करके जरूर रखें।
भूलकर भी न रखें ये चीजें
रसोई में टूटे बर्तन रखने की गलती नहीं करनी चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार, रसोई में टूटे फूटे बर्तन और डिब्बे रखने से घर में लड़ाई-झगड़े की समस्या बन सकती है। इसके अलावा टूटे बर्तन में भोजन भी नहीं करना चाहिए।
भोजन करते समय न करें ये गलती
थाली में जूठा भोजन नहीं छोड़ना चाहिए क्योंकि थाली में भोजन छोड़ने से अन्न का अपमान होता है।
यह भी पढ़ें- Vastu tips: घर की किस दिशा में शीशा और घड़ी लगाना होता है शुभ? पढ़ें वास्तु के नियम
यह भी पढ़ें- Deepak ke Niyam: सुख-समृद्धि के लिए रोजाना शाम को घर के इन स्थानों पर जलाएं दीपक
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है। |