मृत मतदाताओं के बारे में ईआरओ को देना होगा लिखित मुचलका।
राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। चुनाव आयोग एसआइआर के लिए तैयार मतदाता सूची में मृत मतदाताओं की सत्यता को लेकर अब भी संशय में है। आयोग को कई शिकायतें मिली हैं कि संतानों की जानकारी उनके माता-पिता के दस्तावेज से मेल नहीं खा रही है। इन सभी शिकायतों को प्राप्त करने के बाद आयोग ने सख्त रुख अपनाया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अब मतदाता पंजीकरण अधिकारियों (ईआरओ) को लिखित मुचलके में देना होगा कि तैयार सूची में कोई मृत मतदाता नहीं है।इसके साथ ही चुनाव आयोग ने कहा है कि अगर किसी वैध मतदाता का नाम 2002 की डिजिटल मतदाता सूची में नहीं है, तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। ईआरओ को यह जांच करनी चाहिए कि मतदाता का नाम सूची की हार्ड कापी में है या नहीं।
अगर नाम हार्ड कापी में है, तो वैध मतदाता को अनावश्यक सुनवाई के लिए न बुलाया जाए। सीईओ कार्यालय ने कहा है कि ईआरओ को हर हाल में संबंधित बूथ की 2002 की मतदाता सूची की हार्ड कापी लेकर नाम का सत्यापन करना होगा। ऐसे में ईआरओ राजनीतिक दलों की मदद भी ले सकते हैं।
एसआइआर के लिए जमा हुए 1.25 करोड़ गणना फार्म की हो कड़ी जांच
सुवेंदुनेता प्रतिपक्ष व भाजपा विधायक सुवेंदु अधिकारी ने गणना प्रक्रिया में 26 से 28 नवंबर के बीच जमा हुए 1.25 करोड़ प्रविष्टियों के कड़ी जांच की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल की चुनावी परामर्श एजेंसी आइपैक राज्य में चल रहे एसआइआर के दौरान डाटा प्रविष्टि प्रक्रिया में हस्तक्षेप कर रही है।
नेता प्रतिपक्ष ने तृणमूल पर बीएलओ को भड़काने और उनके जरिये वोटर लिस्ट में गड़बड़ी करने के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि वह गड़बडि़यों की शिकायत मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार से करेंगे और राज्य में आने की भी मांग करेंगे।
सीईओ कार्यालय निकट बीएलओ का हंगामासोमवार को कोलकाता में राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) कार्यालय के निकट फिर बीएलओ पहुंच गए और बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की। प्रदर्शनकारी बीएलओ ने ज्ञापन देने पहुंचे नेता विपक्ष सुवेंदु अधिकारी के खिलाफ गो बैक के नारे भी लगाए। इस प्रदर्शन में तृणमूल समर्थित बीएलओ अधिकार रक्षा समिति भी शामिल रही। |