साइबर क्राइम थाने में पुलिस हिरासत में पकड़े गए अंतरराष्ट्रीय ठग गिरोह के सदस्य। स्रोत पुलिस
जागरण संवाददाता, फतेहपुर। खुद को एटीएस चीफ व सीबीआइ अफसर बताकर सेवानिवृत्त रेलवे कर्मी से 41 लाख 10 हजार की आनलाइन ठगी करने वाले अंतरराष्ट्रीय साइबर ठग गिरोह के तीन गुर्गों को पुलिस ने नोएडा के परी चौक के निकट गिरफ्तार कर सोमवार की शाम जिले लाई। हत्थे चढ़े गुर्गों के तार विदेश दुबई व कंबोडिया से भी जुड़े हैं। इनके पास से घटना में प्रयुक्त मोबाइल सिम, फोन के साथ दो पासपोर्ट, 34 मल्टीमीडिया एंड्रायड मोबाइल, लैपटाप समेत 12 हजार पांच सौ रुपये की नकदी बरामद की गई है। ठगों ने कानपुर, बरेली, वाराणसी, समेत तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, केरल, गाजियाबाद, हरियाणा, गोवा समेत 31 लोगों से 17 करोड़ से ठगी की थी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
हुसेनगंज थाने के गुल्ला का पुरवा गांव के सेवानिवृत्त रेलवे कर्मी मोतीलाल यादव के विभिन्न बैंक खातों से 4 नवंबर से 17 नवंबर 2025 के मध्य 41.10 लाख की आनलाइन ठगी हुई थी। जिस पर पीड़ित ने 24 नवंबर को साइबर क्राइम थाने में सूचना प्रोद्यौगिकी संशोधन अधिनियम के तहत ठगी का मुकदमा दर्ज कराया था। साइबर क्राइम इंस्पेक्टर सुनील कुमार सिंह ने ठगों के नंबर को सर्विलांस की मदद से ट्रेस किया। इसके बाद इंस्पेक्टर के नेतृत्व में एसआइ रणधीर सिंह मय फोर्स शुक्रवार रात नोएडा रवाना हो गई। वहां पर लोकेशन ट्रेस कर तीन अंतरराष्ट्रीय ठगों को धर दबोचा।
हत्थे चढ़े गुर्गों में दिल्ली के कीर्तिनगर थाने के मानसरोज गार्डेन में रहने वाले सार्थक ग्रोवर, गाजियाबाद जिले के खोडा कालोनी थाने के खोडा कालोनी निवासी राहुल शर्मा व इटावा जिले के बकेवर थाने के बकेवा निवासी संतोष कुमार हाल पता गाजियाबाद जिले के बंदा इनक्लेब खेड़ा कालोनी है। इन तीनों को पुलिस मंगलवार को जेल भेजेगी। पकड़े गए ठग तीन वर्षों से इस गिरोह में जुड़े हैं।
इंस्पेक्टर सुनील कुमार सिंह ने बताया कि सार्थक ग्रोवर से पूछताछ में पता चला है कि ठगी की रकम में उसे दस प्रतिशत ही मिलता था, उसके दो साथी यश व हरदीप विदेश कंबोडिया में जो पंजाब के रहने वाले बताए गए हैं। इनके पास हिस्सा जाता है। गिरोह के पास से सोना खरीद व बिक्री की रसीदें भी मिली हैं।इनके तार दुबई से कंबोडिया तक जुड़े हैं जिनके पासपोर्ट जब्त किए गए हैं। सार्थक तीन-चार बार दुबई जा चुका है। 5 लाख 56 हजार 333 रुपये होल्ड करा दिए गए हैं।
संतोष व राहुल खुलवाता था बैंक खाता
पकड़े गए संतोष व राहुल शर्मा भोले-भाले लोगों को प्रतिमाह दो हजार रुपये महीने देने का लालच देकर उनके नाम से विभिन्न बैंकों जैसे एचडीएफसी, आइडीएफसी फर्स्ट, यस बैंक, सर्वोदय बैंक एवं अन्य फाइनेंशियल बैकों में खाता खुलवा कर डेबिट, क्रेडिट कार्ड, चेकबुक, मोबाइल सिम प्राप्त कर लेता था। खाता खुलवाने में प्रति खाता 500 से 1000 रुपये कमीशन पेड किया जाता था।
क्रय गोल्ड को क्रिप्टो करेंसी में बदलते थे
मास्टर माइंड सार्थक ग्रोवर वित्तीय धोखाधड़ी की धनराशि प्राप्त होने से पूर्व मोबाइल वाट्सएप पर यश व हरदीप नाम के साइबर अपराधी द्वारा धनराशि की मात्रा भेजी जाती है, जिसके बाद सार्थक ग्रोवर उन्हें क्यूआर कोड भेजा जाता है। सार्थक द्वारा दिए गए बैंक खाता, क्यूआर कोडपर प्राप्त धनराशि को तत्काल एटीएम या स्वाइप मशीन से बिड्राल कर गोल्ड क्रय एवं क्रिप्टो करेंसी में बदलकर अदान-प्रदान किया जाता है। इंस्पेक्टर सुनील कुमार सिंह ने बताया कि तीनों ठग अंतरराष्ट्रीय ठग हैं जो खुद को एटीएस व सीबीआइ अफसर बताकर ठगी करते थे।
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