जागरण संवाददाता, संभल। जिले में बाहरी राज्यों से नौकरी करने वालों का सत्यापन अभियान होते ही सुरक्षा एजेंसियों ने कश्मीरी मूल के व्यक्तियों पर विशेष ध्यान केंद्रित कर दिया है। पुलिस ने जिले में काम कर रहे 74 कश्मीरी नागरिकों का पूरा सत्यापन करते हुए दो मीट फैक्ट्रियों में तैनात 50 निजी सुरक्षा गार्डों को वापस कश्मीर भेज दिया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अधिकारियों ने इसे एहतियाती कदम बताते हुए कहा कि जिले में किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि को लेकर जीरो टालरेंस की नीति सख्ती से लागू की जा रही है।
दरअसल, खुफिया विभाग की जांच में सामने आया था कि जिले की विभिन्न फैक्ट्रियों, चीनी मिलों, मदरसों और मस्जिद में कश्मीर के पुंछ और राजौरी जिलों से आए लोग काम कर रहे थे। इनमें दो मीट फैक्ट्रियों में सुरक्षा गार्ड के रूप में तैनात 50 युवक शामिल थे।
इसके अलावा रजपुरा स्थित डीएसएम चीनी मिल में 16 मजदूर, जिले के मदरसों में सात अध्यापक, हयातनगर की एक मस्जिद में एक इमाम और नगर के एक महाविद्यालय में बीए का एक छात्र भी पाया गया था।
खुफिया विभाग ने इन सभी व्यक्तियों के आधार कार्ड, स्थायी पते, बैंक विवरण, मोबाइल नंबर, फैक्ट्री रिकार्ड और कार्यस्थल से जुड़े दस्तावेजों की बारीकी से जांच की थी। इसके साथ ही उनके रहने के ठिकानों, आने-जाने के समय और स्थानीय संपर्कों की सूची तक की पुष्टि की गई।
फैक्ट्रियों के भौतिक निरीक्षण के दौरान सीटीवी फुटेज की भी अलग से समीक्षा की गई, खासकर उन यूनिट्स में जहां बड़ी संख्या में बाहरी सुरक्षा कर्मी तैनात थे। फिलहाल किसी के खिलाफ कोई संदिग्ध गतिविधि नहीं मिली, लेकिन हालात को देखते हुए कड़ा निगरानी तंत्र सक्रिय कर दिया गया है।
जिलेभर में सुरक्षा एजेंसियों की इस संयुक्त कार्रवाई को एक बड़े प्रिवेंटिव आपरेशन के रूप में देखा जा रहा है, जिसका उद्देश्य संभल में कानून-व्यवस्था को पूरी तरह नियंत्रित रखना है। पुलिस ने 25 नवंबर को मीट फैक्ट्रियों में काम कर रहे सभी 50 निजी सुरक्षा गार्डों को वापस कश्मीर भेज दिया है। |