जागरण संवाददाता, कन्नौज। जिन मतदाताओं का वर्ष 2003 के बाद पता बदल गया है, मतदाता सूची में नाम की स्पेलिंग गलत हो गई है, बूथ बदल गए हैं तो परेशान न हो। एसआइआर फार्म में सही जानकारी भरे।
इस भ्रम में न पड़े कि पहले की सूची में पता दूसरा था, अब नया पता भरेंगे तो फार्म निरस्त हो जाएगा। बीएलओ कुछ घरों में दो-दो बार गए हैं, लेकिन मतदाता घर पर नहीं मिले हैं। इसलिए अभी भी कुछ लोगों के फार्म उन्हें नहीं मिल सके हैं। अगर ऐसा है तो वह अपने बूथ पर जाकर बीएलओ से फार्म ले लें। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
किसी कारण से बीएलओ मौके पर नहीं मिलते हैं तो बूथ पर लिखे उनके मोबाइल नंबर से संपर्क कर अपने फार्म भरकर जल्द जमा कर दें। बीएलओ सभी मतदाताओं को रिसीविंग जरूरत दें, अगर यह शिकायत मिली तो संबंधित बीएलओ के खिलाफ कार्रवाई होगी।
विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान को लेकर जागरण संवाददाता आशुतोष मिश्र ने उप जिला निर्वाचन अधिकारी व एडीएम वित्त डा. विवेक चतुर्वेदी से मतदाताओं के सवाल किए।
पेश है बातचीत-
प्रश्न- अभी भी ज्यादातर मतदाताओं की शिकायतें हैं कि उन्हें बीएलओ ने एसआइआर फार्म नहीं दिए हैं। यह भी कहना है कि परिवार के कुछ सदस्यों के फार्म नहीं आए हैं। आखिर बीएलओ फार्म क्यों नहीं बांट रहे हैं?
उत्तर- ज्यादातर बीएलओ मतदाताओं के घर पहुंचे हैं। हो सकता है जब वह घर गए हों तो मतदाता न मिले हो। सभी बीएलओ इस समय बूथों पर बैठ रहे हैं। उनसे फार्म लेकर जल्द भरकर जमा कर दें। किसी कारण से अगर बीएलओ बूथ पर नहीं मिलते हैं तो वहां लिखे उनके नंबर पर संपर्क कर फार्म ले सकते हैं। एक ही परिवार के कुछ सदस्यों के वोट दूसरे बूथ पर हो सकते हैं।ऐसे में जिन सदस्यों के फार्म नहीं आए हैं, वह अपने बीएलओ से मतदाता सूची दिखवाकर यह जानकारी ले सकते हैं।
प्रश्न- वर्ष 2003 के बाद मतदाता बनीं कुछ युवतियों की शिकायतें हैं कि बीएलओ ने बताया है कि उनका फार्म अपलोड नहीं हो रहा है। बाकी सदस्यों का फार्म अपलोड हो गया है। इस समस्या का समाधान क्या है?
उत्तर- अभी तक किसी बीएलओ ने ऐसी समस्या नहीं बताई है। इस बारे में बीएलओ से जानकारी ली जाएगी और कोई समस्या होगी तो समाधान करा दिया जाएगा। वर्ष 2003 के बाद मतदाता बने लोग फार्म में अपने पिता-माता, बाबा-दादी, नाना-नानी का ब्योरा भर सकते हैं। प्रोजनी (वंशज) लिकिंग खुद मैपिंग कर लेता है। इसलिए यह दिक्कत नहीं होनी चाहिए।
प्रश्न- कुछ मतदाताओं की शिकायतें हैं कि एक ही परिवार के सदस्यों के बूथ अलग-अलग हो गए हैं। कुछ ने बताया है कि उनका बूथ तीन से पांच किलोमीटर दूर हो गया है। यह समस्या कैसे आई?
उत्तर- बूथ संभाजन के कारण ऐसा हो जाता है। मतदाता परेशान न हो। अभी अपना एसआइआइ फार्म भर दें। बूथ बदलने के लिए बीएलओ बूथ संभाजन फार्म भरवाकर यह गलती ठीक कर देंगे।
प्रश्न- कुछ मतदाताओं का कहना है कि वर्ष 2003 की सूची में उनके नाम की स्पेलिंग गलत हो गई थी या नाम ही गलत चढ़ गया था। कुछ मतदातओं के निवास स्थान बदल गए हैं। ऐसे लोग फार्म में पुराना ब्योरा भरें या नया?
उत्तर- मतदाता सही नाम और पता ही भरें। नाम की स्पेलिंग गलत होने के बावजूद मैपिंग हो जाएगी। अन्य डाटा मैच करने के कारण कोई दिक्कत नहीं होगी। नाम की गलती या नए पते के लिए बाद में फार्म 8 भरकर बीएलओ को दे दें। यह गलतियां ठीक हो जाएंगी। आनलाइन भी पता ठीक कर सकते हैं।
प्रश्न- नए मतदाता बनने और पता बदलने के लिए बीएलओ फार्म नहीं दे रहे हैं। कहते हैं कि यह काम गहन पुनरीक्षण के बाद होगा, हालांकि कोई अभी भी यह काम करा सकता है। फिर बीएलओ क्यों नहीं कर रहे हैं। एसआइआर फार्म की रिसीविंग भी नहीं दे रहे हैं?
उत्तर- गहन पुनरीक्षण के कारण ड्राफ्ट रोल फ्रीज होने के कारण बीएलओ अभी एसआइआर फार्म भरवाने को प्राथमिकता दे रहे हैं। नए मतदाता बनने के लिए फार्म 6 भरकर बीएलओ को दे सकते हैं। बाद में वह अपलोड कर देंगे। एसआइआर फार्म की रिसीविंग न देने वाले बीएलओ को खिलाफ कार्रवाई होगी।
प्रश्न- हेल्प डेस्क निर्वाचन दफ्तर, सभी एसीएम और एसडीएम के दफ्तरों में ही चल रही है। विधानसभा क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर और हेल्प डेस्क खोलनी चाहिए, जिससे मतदाताओं को फार्म भरने में दिक्कत न हो। क्या ऐसा हो सकता है?
उत्तर- यह अच्छा सुझाव है। हर विधानसभा क्षेत्र में दो या तीन हेल्प डेस्क जल्द खुलवाई जाएंगी।
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