जागरण संवाददाता, आगरा। राज्य वस्तु एवं सेवा कर (एसजीएसटी) ने एक और बोगस फर्म पकड़ी है।
विभागीय जांच में अस्तित्वहीन पाई गई फर्म ने बिना वास्तविक खरीद के कागजों में 71.79 करोड़ रुपये की बाह्य आपूर्ति दिखाकर 13.05 रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) पास ऑन किया। सीजीएसटी में पंजीकृत फर्म का पंजीकरण पहले ही निरस्त कर दिया गया था। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
एसजीएसटी ने फर्म के विरुद्ध कूटरचित दस्तावेजों का प्रयोग कर धोखाधड़ी करने की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। विभाग एक नवंबर से अब तक 21 बोगस फर्मों के विरुद्ध कार्रवाई कर चुका है।
एसजीएसटी के खंड चार में तैनात राज्य कर अधिकारी अमित कुमार की तहरीर पर लोहामंडी थाना में सीजीएसटी में पंजीकृत फर्म मैसर्स जगदीश जी ट्रेडर्स के स्वामी जगदीश के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है।
विभाग ने आनलाइन जीएसटी पोर्टल पर उपलब्ध डाटा के अनुसार फर्म के अभिलेखों की समीक्षा की थी। इसमें पाया गया कि फर्म ने 16 जुलाई को जीएसटी नंबर प्राप्त किया। आनलाइन आवेदन पत्र में फर्म का पता गौतम नगर, आगरा बताया गया।
बैंक का पता उन्नाव में सरदोही नगर नागेश्वर रोड बीघापुर हसनगंज दिखाया गया। सीजीएसटी द्वारा 21 जुलाई काे ही फर्म का पंजीकरण निरस्त कर दिया गया था। एसजीएसटी ने 16 अक्टूबर को फर्म की जांच की।
घोषित पते के साथ ही आसपास के व्यक्तियों से पूछताछ की गई। इसमें फर्म व स्वामी के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली। फार्म में दर्शाया गया एक मोबाइल नंबर उपयोग में नहीं था और दूसरे नंबर पर काल रिसीव नहीं हुई।
जगदीश ने फर्म का पंजीयन सुनियोजित तरीके से आइटीसी का अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए किया है। इसके लिए उसने नगर निगम के कूटरचित दस्तावेज का प्रयोग करते हुए पंजीयन कराया था।