जागरण संवाददाता, भभुआ। जिले में एक तरफ कृषि विभाग खाद की कालाबाजारी रोकने के लिए तत्पर है तो दूसरी तरफ दुकानदार यूपी से नकली खाद लाकर बेच रहे हैं। बोरी में नकली खाद मिला कर दुकानदार किसान को दे रहे हैं। इसके चलते किसानों को उचित मूल्य देने के बाद भी सही तरह की खाद नहीं मिल रही है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
दुकान से खाद ले जाकर जब किसान खाद डाल रहे हैं तो उन्हें एहसास हो रहा है कि उन्हें नकली खाद दी गई है। अब तक किसान किसान ने कृषि विभाग में शिकायत नहीं की है, इससे कृषि विभाग भी इस कार्य से अनजान है। हालांकि, अब इसकी सूचना मिलने पर कृषि विभाग के पदाधिकारी अपने स्तर से नकली खाद की बिक्री करने वाले दुकानदारों को चिह्नित करने में जुट गए हैं।
बता दें कि नकली खाद बेचने का कार्य यूपी से सटे प्रखंडों में अधिक हो रहा है। इसमें चांद, दुर्गावती प्रखंड में इस तरह की शिकायत किसान अधिक कर रहे हैं। दोनों ही प्रखंड यूपी से सटे हुए हैं। इन दोनों प्रखंडों में कई खाद दुकानदारों द्वारा यूपी से नकली व मिलावटी खाद लाकर बेची जा रही है।
जिसकी कीमत भी दुकानदार सही खाद के जैसा ही ले रहे हैं। इससे दुकानदारों को तो लाभ हो रहा है लेकिन किसानों को नुकसान हो रहा है। किसानों का कहना है कि जो नकली खाद है उसके डालने से फसल को भी नुकसान होगा। पौधों में कोई विकास नहीं होगा।
जिले में खाद की आवश्यकता:
कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार नवंबर माह में 4664 एमटी यूरिया की आवश्यकता है, जबकि अक्टूबर माह तक 6402.792 एमटी यूरिया जिले में बची थी। इसके बाद नवंबर माह में 989.73 एमटी यूरिया की आपूर्ति की गई। जिसमें नवंबर माह में 1272.96 एमटी वितरण किया गया है।
वहीं नवंबर माह में 2195 एमटी डीएपी की आवश्यकता है। अक्टूबर माह तक जिले में 1911 एमटी डीएपी बची थी। नवंबर माह में 38 एमटी डीएपी की आपूर्ति की गई।
नवंबर माह में 455.95 एमटी डीएपी का वितरण किया गया। दिसंबर माह में 7437 एमटी यूरिया, डीएपी व टीएसपी 1804 एमटी, एनपीके 930 एमटी की मांग की गई है। जिले में 18 थोक व 485 फुटकर खाद दुकानों का लाइसेंस है।
बीते माह नौ दुकानों का लाइसेंस किया निलंबित:
जिले में रबी फसल की खेती के समय से ही कृषि विभाग किसानों को उनकी मांग के अनुसार व उचित दाम पर खाद उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत है। इसके लिए प्रखंड से लेकर अनुमंडल व जिला स्तर तक पदाधिकारियों की टीम का गठन किया गया। गठित टीम द्वारा लगातार खाद दुकानों की जांच की गई। जांच के दौरान नवंबर माह में अनियमितता मिलने पर नौ खाद दुकानों का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया। अब भी पदाधिकारियों की टीम द्वारा लगातार जांच की जा रही है।
क्या कहते हैं पदाधिकारी?
जिले में खाद की कालाबाजारी रोकने के लिए डीएम के निर्देश पर किसानों को खाद उपलब्ध कराने के लिए सतत निगरानी की जा रही है। इसके लिए पदाधिकारियों की टीम गठित है। फिलहाल नकली खाद जिले के कुछ क्षेत्रों में बिकने की जानकारी मिली है। हालांकि कोई आवेदन नहीं दिया है, लेकिन सूचना के आधार पर ही पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि जो नकली खाद बिक्री कर रहे हैं उन्हें चिह्नित कर कार्रवाई करें। - विकास कुमार, डीएओ |