लद्दाख के पहाड़ी इलाकों में माइन्स तापमान के बीच भी सेना देश की सुरक्षा सुनिश्चित कर रही है। फाइल फोटो।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में भारतीय सैनिक दिसंबर के महीने की खून जमाने वाली ठंड का मुकाबला उच्च मनोबल से करने को तैयार हैं। सेना ने लद्दाख में पाकिस्तान से लगती नियंत्रण रेखा व चीन से लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सर्दियों में सैनिकों व सेना की जरूरत के सामान प्रयाप्त भंडारन किया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इस समय लद्दाख में न्योमा में तापमान शून्य से 16 डिग्री नीचे तक जा रहा है। सियाचिन में तापमान और भी नीचे हैं। दिसंबर महीने में लद्दाख के दूरदराज इलाकों में ठंड और अधिक हो जाएगी। ऐसे हालात में लद्दाख के लेह व कारगिल व सियाचिन सेक्टरों में सैनिक सर्दियों के महीनों की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए दुश्मन से सीमाओं को सुरक्षित बनाने के साथ निष्ठुर मौसम से भी जंग लड़ेंगे।
माइसन 60 डिग्री तक भी गिर सकता है तापमान
दिसंबर महीने में सियाचिन ग्लेशियर में 12 हजार फुट से 25 हजार फुट तक के इलाकों में तापमान माइनस 40 से माइसन 60 डिग्री तक भी गिर सकता है। दिसंबर में सियाचिन में 35 फुट तक बर्फ होती है। ऐसे में कठिन मौसम, कम आक्सीजन स्तर, बर्फीले तूफान इस क्षेत्र को सैनिकों के लिए विश्व का एक सबसे कठिनतम क्षेत्र बनाते हैं। वहीं लद्दाख के कुछ उपरी इलाकों के साथ कारगिल के द्रास में भी तापमान माइनस 45 तक गिर सकता है।
जवान देश सेवा के लिए पूरी तरह तैयार
ऐसे हालात में सेना ने दिसंबर महीने की अत्याधिक ठंड में देश सेवा की पूरी तैयार हैं। लद्दाख में किसी भी प्रकार की चुनौती का सामना करने के लिए प्रयाप्त इंधन, सेना का साजो सामान व राशन उपलब्ध है। सैन्य सूत्रों के अनुसार सेना ने सितंबर महीने से सड़क मार्ग से क्षेत्र में जरूरत के हर सामान की स्टाकिंग की है। अब भारतीय वायुसेना के छाेटे, बड़े विमान दूरदराज में तैनात सैनिकों के लिए लाइफ लाइन होंगे। क्षेत्र में सेना के बढ़ते कदम सर्दियों में भी नही ठहरेंगे।
सेना की उत्तरी कमान के आर्मी कमांडर लेफिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा ने पिछले तीन दिनों के दौरान लद्दाख, बटालिक व सियाचिन सेक्टरों का दौरा कर सर्दियों की चुर्नाैतियां का सामना करने के लिए की गई तैयारियों का निरीक्षण किया है। यह सभी ऐसे इलाके हैं यहां पर होने वाली अत्याधिक सर्दी के मौसम का सामान करना बहुत मुश्किल है।
मौसम की चुनौतियाें का सामना करते हैं जवान
ऐसे हालात में आर्मी कमांडर ने भारतीय सैनिकों से बातचीत कर उन्हें उच्च मनोबल व अत्याधुनिक तकनीक से सर्दियों के महीनों की चुनौतियों का सामना करने के लिए कहा है। उन्होंने अग्रिम चौकियों में एक बहु-आयामी योद्धा बनकर आपरेशनल तैयारियों में बढ़त बनाने के लिए कहा है।
लद्दाख के पीआरओ डिफेंस लेफ्टिनेंट कर्नल पीएस सिद्धू का कहना है कि क्षेत्र में सैनिक उच्च मनोबल व बेहतर प्रशिक्षण से मौसम की चुनौतियाें का सफलता पूर्वक सामना करते हैं। उन्होंनें बताया कि अनुभवी सैनिक कठिन मौसम में देशसेवा करने के लिए प्रशिक्षित है। सीमाओं की सुरक्षा के प्रति उनकी निष्ठा ही उन्हें विश्व के बेहतरी सैनिकों में से एक बनाती है। भारतीय सैनिक असंभव को भी संभव कर दिखाने की क्षमता रखते हैं। |