ठंड से बचाव के लिए जिला आपदा प्रबंधन ने जारी की एडवाइजरी
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। सर्दी के मौसम में कोयले की अंगीठी-मिट्टी का चूल्हा-हीटर या ब्लोवर का उपयोग करते समय कमरे में हवा के आने का स्थान बना रहना चाहिए, जिससे कमरे में जहरीली गैस या धुंआ न बन पाए। इसके साथ ही गीले कपड़े बिल्कुल भी नहीं पहनें और शरीर को सूखा रखें। यह जानकारियां जिलाधिकारी मेधा रुपम ने सर्दी के बचाव के लिए बताईं और उन्होंने एडवाइजरी जारी की।
जिलाधिकारी ने कहा कि अधिक सर्दी के समय अगर घर में अलाव का सामान न हो तो सामुदायिक केंद्रों, आश्रय स्थलों पर जाएं। कई स्तरों वाले गर्म कपड़े जैसे ऊनी कपडे, स्वेटर, टोपी, मफलर आदि का उपयोग करें। शरीर में उष्मा के प्रभाव को बनाए रखने के लिए पोषक आहार एवं गर्म पेय पदार्थों का सेवन करें। धूप निकलने की दशा में इसका सेवन शीत लहर से बचाव करेगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
उन्होंने बताया कि हाइपोथर्मिया के लक्षणों जैसे शरीर का असामान्य तापमान, भ्रम या स्मृति हानि, बेहोशी, विचलन, अत्यधिक ठिठुरन, सुस्ती, थकान, तुतलाहट आदि की स्थिति उत्पन्न होने पर अपनी नजदीकी अस्पताल से संपर्क करें। शीतदंश के लक्षणों जैसे शरीर के अंगों का सुन्न पड़ना, हाथों-पैरों की ऊंगलियों, कान, नाक आदि सफेद या पीले रंग के दाग उभर आने पर अपने नजदीकी अस्पताल दिखाएं।
शीत लहर की स्थिति में पालतु पशुओं व पक्षियों के बाड़े को उष्मा रोधी बनाने के लिए खिड़की दरवाजों को ढककर रखें, लेकिन वेंटिलेशन के लिए पर्याप्त खुला स्थान भी छोड़े। निराश्रित, असहाय, विकलांग, बीमार, मानसिक विकलांग व्यक्ति को ठंड से प्रभावित लोगों को क्षेत्रीय लेखपाल व तहसील के माध्यम से निश्शुल्क कंबल दिलाने में मदद की जाए।
शीत लहर के दौरान यह करें
- जितना हो सके घर के अंदर रहें
- कम से कम यात्रा करें
- भारी कपड़ों की एक परत के बजाय ढीले-फिटिंग के ऊनी कपड़े पहनने
- टाइट कपड़े रक्त प्रवाह को कम करते हैं
- सिर, गर्दन, हाथों और पैर की उंगलियों को पर्याप्त रूप से कवर करें
- विटामिन-सी से भरपूर फल और सब्जियां खाए
- तेल, पेट्रोलियम जेली या बाडी क्रीम से शरीर की मालिश करें
इन जगहों पर मौसम की मिलेगी सही जानकारी
- स्थानीय रेडियो
- दैनिक समाचार पत्र
- टीवी
- मोबाइल फोन
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