मतदान के लिए उत्सुक दिखाई दिए मतदाता। जागरण
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम उपचुनाव में इस बार युवाओं की तुलना में बुजुर्ग मतदाताओं की भागीदारी अधिक देखने को मिली। रविवार को छुट्टी होने के बावजूद बड़ी संख्या में युवा मतदान केंद्रों से नदारद दिखे, जबकि वरिष्ठ नागरिक सुबह से ही मतदान केंद्रों पर लाइनों में अपनी बारी का इंतजार करते नजर आए। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
चुनाव अधिकारियों के अनुसार दोपहर तक मतदान प्रतिशत उम्मीद से कम दर्ज हुआ, जिसका मुख्य कारण युवा वर्ग की कम मौजूदगी रही।
पांडव नगर और नारायणा के बुजुर्गों ने कहा कि शहर की मूलभूत सुविधाओं, खासकर सफाई, पानी और सड़क व पानी की समस्याओं को देखते हुए उनका वोट देना जरूरी है। वहीं युवाओं की कम भागीदारी को लेकर चुनाव अधिकारियों व स्थानीय लोगों ने चिंता भी जताई।
बुजुर्गों के लिए विशेष व्यवस्था
बुजुर्गों के लिए विशेष व्यवस्था जैसे व्हीलचेयर, मेडिकल सहायता और प्राथमिकता कतारों की सुविधा कई मतदान केंद्रों पर बेहतरीन तरीके से लागू की गई। इससे वरिष्ठ नागरिकों को मतदान में काफी सहूलियत मिली और वे बिना किसी असुविधा के मतदान कर सके। कुछ वार्डों में महिला मतदाताओं ने पुरुषों से अधिक मतदान कर सक्रिय भागीदारी का संदेश दिया।
इससे चुनावी प्रक्रिया में महिला नेतृत्व और जागरूकता का सकारात्मक रुझान सामने आया। हमारे इलाके में कूड़ा उठाने की व्यवस्था ठीक नहीं है। गलियों में सफाई समय पर नहीं होती।
पुरानी दिल्ली के चांदनी महल वार्ड में मतदान करने पहुंचे मतदाता। जागरण
नागरिकों की जुबानी: वोट का कारण और उम्मीदें
“साफ-सफाई और नियमित कूड़ा संग्रहण के लिए मैंने वोट डाला है।” - 80 वर्षीय पताशी देवी
“बरसात में सड़कें टूट जाती हैं और पानी भर जाता है। अच्छी सड़कों और जलभराव से राहत की उम्मीद में मैं सुबह ही मतदान केंद्र पहुंच गई।” - 65 वर्षीय शांति देवी
“बुजुर्गों के लिए पार्कों में बैठने की व्यवस्था और स्ट्रीट लाइटें ठीक नहीं हैं। अंधेरा रहता है, जिससे सुरक्षा की चिंता रहती है। बेहतर रोशनी और सुरक्षा को लेकर वोट दिया।” - 68 वर्षीय टुनटुन साहू
“पानी की सप्लाई अक्सर गड़बड़ रहती है। कई दिनों तक गंदा पानी आता है। स्वच्छ व नियमित जलापूर्ति हमारी सबसे बड़ी जरूरत है, इसलिए मतदान किया है।” - 63 वर्षीय मंजू देवी |