फर्जी कोर्ट रूम बनाकर 61 वर्षीय रिटायर्ड कर्मचारी से 33.60 लाख की ठगी (सांकेतिक तस्वीर)
जागरण संवाददाता, उदयपुर। राजस्थान के जयपुर शहर में साइबर ठगों ने ठगी का नया तरीका अपनाते हुए हिंदुस्तान जिंक से रिटायर्ड 61 वर्षीय बुजुर्ग से 33.60 लाख रुपये ठग लिए।
ठगों ने खुद को पुलिस और सीबीआइ अधिकारी बताकर बुजुर्ग को वीडियो काल पर फर्जी कोर्ट रूम में पेश किया और उन्हें घंटों तक मानसिक दबाव में रखकर \“डिजिटल अरेस्ट\“ कर लिया।
ठगी की जानकारी होने के बाद पीड़ित ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एडीजे कुलदीप शर्मा को शिकायत दी। एडीजे कुलदीप ने आइजी को पत्र भेजकर कार्रवाई की मांग की। 28 नवंबर को साइबर थाने में केस दर्ज हुआ। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
साइबर थानाधिकारी रामनिवास ने कहा कि यह \“डिजिटल अरेस्ट\“ का मामला है। तकनीकी जांच जारी है, आरोपी पकड़े जाएंगे। 5 से 7 घंटे तक घर में कैद रखा 12 नवंबर की सुबह 9 बजे पीड़ित को \“ट्रॉय अथॉरिटी न्यू दिल्ली\“ के नाम से फोन किया। फोन करने वाले ने कहा कि उनके आधार कार्ड से जारी सिम से 2 करोड़ रुपये के 40 ट्रांजैक्शन हुए हैं।
इसके बाद उन्हें वाट्सएप वीडियो काल पर पुलिस की वर्दी में एक शख्स से जोड़ा गया, जिसने खुद को सीबीआइ अधिकारी बताया और मामला मनी ल का बताया।
फोन सर्विलांस पर रखने की बात कहकर बुजुर्ग को घर से न निकलने, किसी से बात न करने और बिना अनुमति दरवाजा तक न खोलने का आदेश दिया। ठगों ने उनके फोन से वाट्सएप छोड़कर बाकी सभी एप डिलीट करवाए और \“जज साहब\“ के सामने पेश करने का झांसा दिया।
फर्जी कोर्ट में वर्चुअल पेशी, संपत्ति का पूरा ब्यौरा मांगा
13 नवंबर को वीडियो काल पर फर्जी कोर्ट रूम दिखाकर ऑनलाइन \“पेशी\“ करवाई गई। बुजुर्ग से बैंक पासबुक, जमा राशि, शेयर और संपत्ति की सभी जानकारियां वाट्सएप पर फोटो खचवाकर लीं। गिरफ्तारी और सजा की धमकी देते हुए \“क्लीन चिट\“ के नाम पर पैसे मांगे गए।
दबाव में आकर पीड़ित ने अलग-अलग दिनों में कुल 33.60 लाख रुपये भेज दिए। साथ ही 18 नवंबर को दबाव में आकर उनके 7.64 लाख के शेयर भी बिकवा लिए गए। 25 नवंबर को आए संदिग्ध काल पर पीडि़त को ठगी का शक हुआ और उन्होंने स्वजन को जानकारी दी। |