चांदी को किस दिन पहनना है शुभ? (Picture Credit: Freepik)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। आपने अक्सर कई लोगों को चांदी के गहने पहने देखा होगा। ज्योतिष शास्त्र में चांदी को एक शुभ धातु के रूप में देखा जाता है। ऐसे में यदि आप ज्योतिष के कुछ नियमों को ध्यान में रखते हुए चांदी धारण (Chandi Pehenne Ke Fayde) करते हैं, तो इससे आपको कई तरह के लाभ मिल सकते हैं। चलिए जानते हैं इस बारे में। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मिलते हैं ये फायदे
ज्योतिष शास्त्र में चांदी को चंद्र ग्रह से जोड़कर देखा जाता है, जो मन और भावनाओं का कारक माने गए हैं। ऐसे में यदि आप चांदी धारण करते हैं, तो इससे आपकी कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत हो सकती है। साथ ही इससे चिंता, तनाव और बेचैनी जैसी समस्याएं भी कम होती हैं।
ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, चांदी पहनने से जातक की मानसिक स्थिरता बढ़ती है और शांति का अनुभव होता है। साथ ही चांदी नकारात्मक ऊर्जा को दूर रखने का भी कार्य करती है। इसे पहनने से जातक को शुक्र ग्रह का भी शुभ देखने को मिल सकता है।
(Picture Credit: Freepik)
किन्हें पहननी चाहिए चांदी
ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं के अनुसार, कर्क, वृश्चिक और मीन राशि के जातकों को चांदी पहनने से विशेष लाभ मिल सकते हैं। इसके अलावा, वृषभ और तुला राशि के लोग भी चांदी पहन सकते हैं, जिससे उन्हें अच्छे परिणाम मिलते हैं। ज्योतिष शास्त्र में माना गया है कि मेष, सिंह और धनु राशि के जातकों को चांदी पहनने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए या फिर किसी अच्छे ज्योतिषी से सलाह लेनी चाहिए।
(Picture Credit: Freepik)
ध्यान रखें ये बातें
छोटी उंगली (कनिष्ठा) या फिर हाथ के अंगूठे में चांदी की बिना जोड़ वाली अंगूठी या छल्ला पहनना अच्छा माना गया है। वहीं महिलाओं के लिए बाएं हाथ में चांदी का छल्ला धारण करना शुभ माना गया है। चांदी पहनने के लिए सोमवार और शुक्रवार के दिन को सबसे शुभ माना गया है।
क्योंकि जहां सोमवार को चंद्र देव से जोड़कर देखा जाता है, वहीं शुक्रवार का दिन शुक्र देव को समर्पित है। इन दिनों पर यदि आप चांदी पहनते हैं, तो इससे आपको शुभ परिणाम देखने को मिल सकते हैं।
यह भी पढ़ें - कहानी गहनों की: अच्छी किस्मत का प्रतीक माना जाता था पोल्की, पढ़ें इस बेशकीमती रत्न के निखरने की गाथा
यह भी पढ़ें - Ratna Astrology: इन्हें मिलता है पुखराज पहनने का फायदा, लेकिन पहले जान लें ये नियम
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है। |