deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

कानपुर में 11 दिन तक रखा डिजिटल अरेस्ट, CBI अफसर बन ठगे लाखों; सुप्रीम कोर्ट में करवाई ऑनलाइन सुनवाई

cy520520 2025-11-28 01:07:43 views 526

  

सीबीआइ अधिकारी बन की ठगी। प्रतीकात्‍मक



जागरण संवाददाता, कानपुर। शहर में साइबर ठगी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। आए दिन किसी न किसी को ठग अपना शिकार बना रहे हैं। ऐसा ही एक मामला बर्रा थानाक्षेत्र में सामने आया, जिसमें 11 दिन तक सेवानिवृत्त इंजीनियर और उनकी पत्नी को डिजिटल अरेस्ट रखकर साइबर ठगों ने 42.50 लाख रुपये हड़प लिए। ठगों ने सीबीआइ अधिकारी बनकर उन्हें जेट एयरलाइंस के संस्थापक नरेश गोयल से जुड़े मनी लान्ड्रिंग मामले में फंसाकर शिकार बनाया। आनलाइन सुप्रीम कोर्ट में उनकी सुनवाई भी करवाई। बेटे के शक होने पर पूरे मामले का राजफाश हुआ। इसके बाद पुलिस और साइबर सेल में शिकायत की। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

बर्रा थानाक्षेत्र के जूही कलां डब्ल्यू टू स्थित शिवम इन्क्लेव में रहने वाले राजेंद्र प्रसाद सिंह पावर ग्रिड कारपोरेशन से जूनियर इंजीनियर के पद से सेवानिवृत्त हैं। बेटी की शादी कर चुके हैं और इंजीनियर बेटा नोएडा में नौकरी करता है। वह पत्नी के साथ अपार्टमेंट में रहते हैं। राजेंद्र प्रसाद के मुताबिक सात अगस्त को एक अज्ञात नंबर से उन्हें वाट्सएप पर वीडिया काल आया। काल करने वाले ने स्वयं को सीबीआई में तैनात आईपीएस अधिकारी बताया।वह वर्दी पहनकर बैठा था, इसलिए विश्वास कर लिया।

उसने दावा कि उनके आधार कार्ड से मुंबई के केनरा बैंक में फर्जी अकाउंट खोला गया है, जिसका इस्तेमाल नरेश गोयल के मनी लान्ड्रिंग में हुआ है। बताया कि इस मामले में उनके अलावा 238 लोग और शामिल हैं। इसके बाद से ठगों ने उन्हें लगातार वीडियो काल पर रखकर किसी से बात करने से मना कर दिया। कहा कि जांच के दौरान उनकी सभी जमा रकम आरबीआइ के बताए हुए खातों में ट्रांसफर करनी होगी।जांच में उनके सही पाए जाने पर 72 घंटे में उनकी रकम खाते में वापस कर दी जाएगी।

कार्रवाई के डर से उन्होंने ठग के बताए हुए अलग-अलग खातों में 11 से 21 अगस्त के बीच पांच बार में कुल 42.50 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। इसमें 24 लाख की रकम मुंबई की एक कंपनी के खाते में ट्रांसफर कराए गए। बाकी रकम बचत खातों में आरटीजीएस कराए। ठग ने मुंबई आकर बयान दर्ज कराने को कहा तो उन्होंने पारिवारिक समस्या का हवाला देकर इन्कार कर दिया। इस पर उन्हें विश्वास दिलाने के लिए 18 अगस्त को ठगों ने आनलाइन सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई भी कराई। इसमें जज के पूछे गए सवालों का उन्होंने वीडियो काल पर ही जवाब दिया। इसके बाद उसने कहा कि उनकी राशि जांच में सही पाई गई है।

इस पर उन्हाेंने उनकी रकम वापस करवाने को कहा तो 26 अगस्त को वकील की फीस के नाम पर एक लाख रुपये की और मांग कर दी। उन्हाेंने रुपये देने में असमर्थता जताई तो कहा कि फिर रकम ट्रांसफर होने पर समय लग जाएगा। इसी बीच नोएडा में नौकरी कर रहे बेटे नितिन को उनकी उलझन का अहसास हो गया। उसने मां से बात की वह रो पड़ी। इसके बाद बेटा घर पहुंचा तो भी ठगों ने उन्हें डिजिटल अस्टेट कर रखा था। इसके बाद बेटे ने उन्हें ठगी होने का अहसास दिलाया।


डीसीपी दक्षिण दीपेंद्र नाथ चौधरी ने बताया कि कोई भी जांच एजेंसी डिजिटल अरेस्ट नहीं करती। डर और भ्रम पैदा कर ठग लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। सेवानिवृत्त इंजीनियर के मामले में भी ठगों ने ऐसा ही किया है। मुकदमा दर्ज कर आरोपितों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। जिन खातों में रकम ट्रांसफर हुई है, उनकी जानकारी भी जुटाई जा रही है।

यह भी पढ़ें- मोहाली में एक करोड़ की धोखाधड़ी के आरोपी बैंक मैनेजर को हाईकोर्ट से राहत, मिली नियमित जमानत

यह भी पढ़ें- डिजिटल अरेस्ट कर लाखों ठगने वाले गिरोह का भंडाफोड़, नर्सिंग असिस्टेंट समेत तीन जालसाज गिरफ्तार  

यह भी पढ़ें- Cyber Crime: पहलगाम हमले लिंक के नाम पर साइबर ठगों ने इतना डराया कि बुजुर्ग ने कर ली आत्महत्या  
like (0)
cy520520Forum Veteran

Post a reply

loginto write comments
cy520520

He hasn't introduced himself yet.

410K

Threads

0

Posts

1210K

Credits

Forum Veteran

Credits
126080