श्री राम मंदिर की विहंगम छवि l सूचना विभाग
लवलेश कुमार मिश्र, अयोध्या। राम मंदिर के मुख्य शिखर पर धर्म ध्वजा के आरोहण के पश्चात भी रामजन्मभूमि परिसर के सात पूरक मंदिरों में दर्शन शुरू होने को लेकर संशय बना हुआ है। यह स्थिति तब है जब दर्शन प्लान पहले ही तैयार कर लिया गया है और ट्रस्ट ने 26 नवंबर के बाद दर्शन प्रारंभ करने की घोषणा भी की थी। अब बताया जा रहा है कि ट्रस्ट पहले श्रद्धालुओं की संख्या और सुरक्षा का आकलन करेगा, इसके बाद दर्शन शुरू होगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
यह आकलन सप्ताह भर में कर लेने का विचार है। इसके बाद दिसंबर के प्रथम सप्ताह में दर्शन शुरू करने की योजना है। हालांकि पुजारियों की कमी भी इसमें अड़चन बताई जा रही है लेकिन ट्रस्ट इसे नहीं स्वीकार कर रहा। राम जन्मभूमि परिसर के साढ़े सात सौ मीटर लंबे परकोटे के मध्य ट्रस्ट ने भगवान शंकर, गणेश, सूर्यदेव, मां दुर्गा, मां अन्नपूर्णा व हनुमान जी के मंदिरों का निर्माण कराया है। इसके अतिरिक्त राम मंदिर के दक्षिण-पश्चिम में शेषावतार लक्ष्मण जी का मंदिर निर्मित हुआ है।
इन सातों मंदिरों में इसी वर्ष गत पांच जून को राम मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा के समय ही प्रतिमाओं को प्रतिष्ठित किया गया था। तभी से इन मंदिरों में नियमित रूप से पूजन-अर्चन चल रहा है, लेकिन अभी तक श्रद्धालुओं को दर्शन प्रारंभ नहीं कराया जा सका है। इसका प्रमुख कारण इन मंदिरों में फिनिशिंग जारी रहने और पहुंच मार्ग का निर्माण न हो पाना भी रहा। राम मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण के पूर्व लगभग सभी कार्य संपन्न करा लिए गए हैं, तब भी इन मंदिरों में दर्शन शुरू होने को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।
इस संबंध में ट्रस्टी डॉ. अनिल कुमार मिश्र ने कहा कि पूरक मंदिरों के शिखर पर शीघ्र ही धर्म ध्वजा फहरा दी जाएगी। इन ध्वजाओं की पूजा पहले ही कराई जा चुकी है। इसी बीच ट्रस्ट की ओर से दर्शनार्थियों की संख्या का आकलन कर लिया जाएगा और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर मंत्रणा हो जाएगी। इसके बाद दर्शन शुरू करवा दिया जाएगा। पहले सीमित संख्या में दर्शनार्थियों को ही अनुमति प्रदान की जाएगी।
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इसके लिए अलग से पास भी जारी किया जा सकता है। श्रद्धालुओं को शीघ्र दर्शन सुलभ हो सके, इसके लिए समस्त प्रक्रिया जल्द पूरी कर ली जाएगी। वहीं, राम मंदिर के व्यवस्थापक गोपाल राव ने कहा कि अभी दर्शन शुरू करने के संबंध में कोई निर्णय नहीं हुआ है, परंतु शीघ्र विचार होगा। उन्होंने पुजारियों की कमी की बात को भी नकार दिया। वर्तमान में राम मंदिर में लगभग 20 अर्चक दो पालियों में सेवा दे रहे हैं। सातों मंदिरों में दर्शन शुरू होने पर इनमें भी नियमित अर्चकों की तैनाती करनी पड़ेगी। |