दीपंकर भट्टाचार्य ने की प्रेस कांफ्रेंस।
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Assembly Elections 2025 में महागठबंधन को मिली करारी हार के बाद CPI-ML के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने चुनाव से छह माह पहले नई योजना लाकर पैसे बांटने पर रोक लगाने के लिए नया कानून बनाने की मांग की। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
उन्होंने चुनाव से ठीक पहले नीतीश सरकार (Nitish Kumar Government) द्वारा लाई गई मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना, मुफ्त बिजली, सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में बढ़ोतरी और महिलाओं के खाते में 30 हजार करोड़ रुपये बांटने को महागठबंधन की हार की मुख्य वजह बताया।
135 सीटें भी मिलती तो समझ में आती
रविवार को पार्टी कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने चुनाव प्रक्रिया पर भी सवाल उठाया और कहा कि बिहार चुनाव के नतीजे समझ से परे हैं।
एनडीए को मिली प्रचंड जीत सिर्फ बहुमत नहीं है, ये 80 प्रतिशत से ज्यादा है। दीपंकर ने कहा कि एनडीए को अगर 125 या 130 या 135 सीटें मिलतीं, जो आमतौर पर एग्जिट पोल (Exit Poll) में भी आ रहा था, वहां तक बात समझ में आती।
इस बार के नतीजे 2010 के नतीजों का दोहराव है, लेकिन तब नीतीश कुमार के उभार का दौर था। अगर हम मोदी सरकार को भी ले लें।
सरकार के उभार का नहीं है दौर
नीतीश कुमार के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) को भी जोड़ लें और 2024 के चुनाव परिणाम को भी अगर दिमाग में रखें, तो निश्चित तौर पर ये सरकार का कोई उभार का दौर नहीं है।
ये सरकार के गिरावट का दौर है। सरकार सवालों से घिरी हुई है। जनता तमाम सवालों को लेकर नाराज है। ऐसे में इस तरीके का चुनाव परिणाम समझ से परे है।
बिहार में भाकपा (माले) ने महागठबंधन के तहत राजद के साथ मिलकर चुनाव लड़ा। महागठबंधन को सिर्फ 35 सीटों पर ही जीत मिल पायी। इसमें माले ने दो सीटें जीती हैं। |