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सिस्टम पर सवाल: प्लेटफार्म पर खोदकर छोड़ दिया गड्ढा, शेड भी नदारद; प्रभावित हो गया है यात्रियों का आवागमन

Chikheang 2025-11-27 01:11:25 views 768

  



जागरण संवाददाता, गोरखपुर। गोरखपुर जंक्शन पर एक साल में भी नए फुट ओवरब्रिज (एफओबी) का फाउंडेशन (नींव) तैयार नहीं हो पाया है। कार्यदायी संस्था ने प्लेटफार्म तीन-चार पर फाउंडेशन के लिए गड्ढा खोदकर छोड़ दिया है। ऊपर का शेड भी उखाड़ दिया है। जगह-जगह बैरिकेडिंग के चलते यात्रियों का आवागमन प्रभावित हो रहा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

खड़ा होने की भी जगह नहीं मिल रही। हर पल दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। एफओअी के लिए प्लेटफार्म एक, तीन-चार, पांच-छह, सात-आठ व नौ नंबर पर फाउंडेशन बनना है। यह तब है जब रेलवे प्रशासन ने दिसंबर 2025 तक एफओबी निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया है।  

लेकिन, कार्य की गति को देखकर नहीं लग रहा कि एफओबी का निर्माण दो से चार साल में पूरा हो पाएगा। जबकि, गोरखपुर जंक्शन पर वर्ष पर्यंत आवागमन करने वाले यात्रियों का दबाव बना रहता है। बीच वाला प्रमुख एफओबी टूट जाने के बाद यात्रियों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। पूर्व और पश्चिम के दोनों एफओबी पर लोड बढ़ गया है। दोनों एफओबी पर क्षमता से अधिक लोग आवाजाही कर रहे हैं।

अचानक कई ट्रेनों के आ जाने से एक ही एफओबी पर हजारों लोग एक साथ चढ़ जा रहे। दोनों पुल कमजोर हो रहे। भीड़ बढ़ने पर यात्रियों की सांसें अटक जाती हैं। महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ने पर रेलवे प्रशासन के माथे बल पड़ गए थे।

श्रद्धालुओं को परेशानियों का सामना करना पड़ा था। त्योहारों में तो स्थिति और खराब हो जा रही। इस दीपावली और छठ पर्व में यात्रियों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। प्लेटफार्मों तक पहुंचना ही नहीं उसपर चलना भी कठिन हो गया है। तीन से आठ नंबर तक प्लेटफार्म पर आने-जाने के लिए एफओबी का उपयोग करना ही पड़ता है। फुट ओवरब्रिज 16 सितंबर 2023 से बंद है।

एक साल बाद प्लेटफार्म नंबर एक का फाउंडेशन बनना शुरू हुआ। दो साल पर एफओबी टूटा है। गोरखपुर जंक्शन पर दस प्लेटफार्म हैं। जंक्शन से होकर रोजाना करीब 200 ट्रेनें चलती हैं। 139 वर्ष बाद गोरखपुर जंक्शन का पुनर्विकास करीब 500 करोड़ रुपये से सिटी सेंटर के रूप में किया जा रहा है। 07 जुलाई, 2023 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पुनर्विकास की आधारशिला रखी थी। तीन साल में जंक्शन के पुनर्विकास का लक्ष्य निर्धारित है।

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एफओबी तक पहुंचने में ही फूल जाती हैं सांसें
प्लेटफार्म नंबर एक और दो की लंबाई ही 1333.66 मीटर है। पूर्व और पश्चिमी एफओबी के बीच की दूरी 700 मीटर है। एक से दूसरे एफओबी तथा तीन से आठ नंबर प्लेटफार्म तक पहुंचने में यात्रियों की सांसें फूल जा रहीं। बुजुर्ग, मरीज, बच्चे और महिलाओं को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा। ट्रेनों का प्लेटफार्म बदलने पर राह और कठिन हो जा रही।

पूर्वोत्तर रेलवे क्षेत्रीय रेल उपयोगकर्ता परामर्शदात्री समिति (जेडआरयूसीसी) के सदस्य अरविंद कुमार सिंह कहते हैं कि गोरखपुर जंक्शन पर बीच वाले एफओबी के बंद होने से यात्रियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा। रेलवे प्रशासन भी उदासीन है। भीड़ बढ़ने पर कभी भी हादसा हो सकता है।

फर्स्ट क्लास गेट के सामने का निर्माण कार्य भी ठप
प्लेटफार्म तीन-चार पर एफओबी का फाउंडेशन काय ही नहीं फर्स्ट क्लास गेट व एस्केलेटर के बीच चल रहा स्टेशन भवन (साउथ-वेस्ट बिल्डिंग) का निर्माण का कार्य भी ठप पड़ा है। कार्यदायी संस्थान ने फाउंडेशन का कार्य बीच में ठप कर दिया है।

जीआरपी थाना और प्लेटफार्म नंबर एक पर चल रहे निर्माण कार्य की गति भी धीमी पड़ गई है। निर्माण कार्य के चलते स्टेशन परिसर में जगह-जगह बैरिकेडिंग कर दी गई है। यात्रियों को स्टेशन पर आवागमन में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
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