कनोहर लाल कन्या इंटर कालेज साकेत में छात्राओं को संबोधित करतीं मंडलीय मनोवैज्ञानिक डा. मनीषा तेवतिया। जागरण
जागरण संवाददाता, मेरठ। सबसे पहले आप अपना लक्ष्य निर्धारित कीजिए। आज ही उसे कापी में लिखकर रख दीजिएगा और आज से ही कड़ी मेहनत से जुट जाइए। जीवन में सकारात्मक सोच रखें। ऐसा करने से आपको जीवन में निश्चित ही एक दिन सफलता जरूर मिलेगी। मंडलीय मनोविज्ञान केंद्र की मंडलीय मनोवैज्ञानिक डा. मनीषा तेवतिया ने यह बात बुधवार को छात्राओं से कही। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
शहर के कनोहर लाल कन्या इंटर कालेज में बुधवार को बोर्ड परीक्षा की तैयारी और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर व्याख्यान कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में डा. तेवतिया ने छात्राओं को सफलता के गुर दिए। बोर्ड परीक्षा के बारे में डा. तेवतिया ने बताया की बोर्ड परीक्षा को लेकर कभी भयभीत होने की जरूरत नहीं है। अन्य परीक्षाओं की भांति ही दसवीं व 12वीं की परीक्षा भी है। इसे लेकर अनावश्यक तनाव करने की जरूरत नहीं है। बस, हमें परीक्षा को लेकर सकारात्मक सोच रखनी है। कभी भी परीक्षा को लेकर नकारात्मक नहीं सोचना है।
अच्छी तैयारी के लिए समय सारणी बनाएं
बताया कि परीक्षा की अच्छी तैयारी के लिए सबसे पहले समय सारणी बनानी है। उस समय-सारणी के आधार पर ही सभी विषयों को बराबर समय देकर उसकी तैयारी शुरू करनी है, जिन विषयों में आपको लगता है कि वह मुश्किल है अथवा उसमें करना असंभव है। यह बात ही मन से निकाल देनी है। बोर्ड परीक्षा के लिए प्रतिदिन स्वयं को प्रोत्साहित करें। आप जो सोचेंगे तो वह एक दिन हो जाएगा।
हमारे लिए सब कुछ संभव: डा. मनीषा
छात्राओं को संबोधित करते हुए डा. मनीषा ने बताया की छात्र जीवन में कुछ भी असंभव नहीं है। यदि आपने ठान लिया तो वह एक दिन जरूर आप पूरा कर लेंगे। यह ऐसा समय है, जब आपको कड़ी मेहनत और अनुशासन जीवन में शिखर पर ले जा सकते हैं। जिस विषय को आप सबसे कठिन समझते हैं। आज से ही उसे पर ज्यादा फोकस करना शुरू कर दें। कम से कम 24 घंटे में तीन बार वह रिवाइज करें तो वह विषय कठिन से आपके लिए आसान हो जाएगा।
विषय अध्यापकों से समस्या सुलझाएं
यदि किसी विषय में कोई समस्या आ रही है तो आप अपनी शिक्षिकाओं से उनको प्रतिदिन हल कराएं। उनसे पूछे, किसी भी समस्या को बाद के लिए न छोड़े खासकर 10वीं 12वीं की बोर्ड परीक्षा में शामिल होने जा रहे परीक्षार्थी अपनी तैयारी को शुरू से ही पूरा करके चलें।
जीवन में भटकाव न आने दें
इस आयु में कई बार हमारा मन भटकाव की ओर चला जाता है। उस दौरान ही आपको स्वयं को संभालना है। यह बात जान लें की आपको माता-पिता के अलावा कोई सच्चा प्यार नहीं करता। उनकी सीख व शिक्षकों का अनुशासन व मार्गदर्शन ही आपके काम आएगा। विद्यालय की प्रधानाचार्य डा. दिव्या बहुगुणा ने आभार व्यक्त किया। इस दौरान शिक्षिका प्राची सिंह, रीना वर्मा व अंजू मौजूद रहीं। |