अपराधों में दोषसिद्धि की दर निराशाजनक, आखिर क्यों बच निकलते हैं अपराधी?

Chikheang 2025-10-3 04:06:31 views 1249
  अपराधों में दोषसिद्धि की दर निराशाजनक, आखिर क्यों बच निकलते हैं अपराधी ?





माला दीक्षित, नई दिल्ली। किसी अपराध के घटित होने पर पीड़ित पक्ष इस उम्मीद के साथ एफआइआर दर्ज कराता है कि अपराधी को सजा मिलेगी। लेकिन देश भर में अपराधों पर एनसीआरबी (राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो) के जो आंकड़े आये हैं वो बताते हैं कि दोषसिद्धि की दर बहुत खराब है। यही कारण है कि दुष्कर्म के मामलों में पांच में से चार आरोपी बरी हो जाते हैं, हत्या में तीन में से एक को सजा होती है और दंगे में छह में से पांच आरोपी बरी हो जाते हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें



विशेषज्ञों की माने तो खराब दोषसिद्धि दर का कारण पुलिस की खराब जांच और गवाहों का अदालत में जाकर मुकर जाना है। एक अपराध की जांच से लेकर ट्रायल पूरा होने तक काफी समय और संसाधन लगते हैं वर्षों मुकदमा चलता है और जब अंत में अभियुक्त बरी हो जाता है। अदालत कहती है कि अभियोजन पक्ष अभियुक्त के खिलाफ केस साबित करने में नाकाम रहा।

इस निराशाजनक स्थिति पर पूर्व डायरेक्टर प्राजीक्यूसन बीएस जून कहते हैं कि दोषसिद्धि की खराब दर और अभियुक्तों के बरी हो जाने के पीछे कई कारण हैं। जैसे खराब जांच, गवाहों का मुकरना, न्याय में देरी। उनका कहना है कि पुलिस की जांच ही खराब होती है। जब पुलिस मामले की ठीक से वैज्ञानिक पहलुओं का ध्यान रखकर जांच नहीं करेगी तो उस केस में सजा होना मुश्किल होता है।



इसके अलावा कई बार गवाह अदालत में आकर मुकर जाते हैं। इसके लिए जरूरी है कि गवाहों को सुरक्षा दी जाए ताकि वे निडर होकर अदालत में बयान दें और न मुकरें। इसके अलावा न्याय में देरी भी एक कारण है। कई बार बचाव पक्ष जानबूझकर अभियोजन पक्ष की गवाही में देरी कराता है। गवाही खिलाफ जाने की आशंका में उसकी कोशिश रहती है कि गवाही टली रहे।

गवाहों का मुकरना अभियुक्तों के बरी होने का एक सबसे बड़ा कारण है ये बात पूर्व डायरेक्टर प्रासीक्यूशन पूर्णिमा गुप्ता भी मानती हैं। पूर्णिमा कहती हैं कि दुष्कर्म के मामलों में तो अगर अभियुक्त परिचित में से होता है तो 60,70 यहां तक कि 80 फीसद मामलों में पीड़िता बयान से मुकर जाती है। पीड़िता के मुकरते ही केस फेल हो जाता है। फिर बाकी के 20 प्रतिशत मामलों में जांच में तकनीकी खामियां होती हैं। जैसे दुष्कर्म के मामले में नमूना जांच के लिए फारेंसिक लैब भेजा जाता है लेकिन उसकी एक तय वैज्ञानिक प्रक्रिया है उसमें कुछ भी गड़बड़ होने पर जांच खराब मानी जाती है।



गवाहों या शिकायतकर्ता का मुकरना सिर्फ दुष्कर्म के मामलों में ही नहीं बल्कि हर उस मामले में फैटल होता है जिसमें शिकायतकर्ता होता है। क्योंकि अगर कोर्ट के बाहर आपस में समझौता हो गया तो शिकायतकर्ता कोर्ट में मुकर जाता है जिससे अभियुक्त बरी हो जाता है। हालांकि पूर्णिमा जांच में पुलिस की ढिलाई को नहीं स्वीकार करतीं। उनका कहना है कि पुलिस पूरी कोशिश करती है कि जांच ठीक हो और केस कोर्ट में साबित हो सके।



इस पर बात सहमति है कि नए आपराधिक कानून के पूरी तरह क्रियान्वयन ने स्थिति बदलेगी क्योंकि इसमें गवाही की रिकार्डिंग होगी और उससे मुकरना संभव नहीं होगा।

अपराधों में दोषसिद्धि की दर बहुत कम होने के लिए पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह पुलिस और प्रासीक्यूशन को अलग किया जाना मानते है। वह कहते हैं कि सजा की जिम्मेदारी प्रासीक्यूशन की होती है। प्रासीक्यूशन को पुलिस से अलग किए जाने से पुलिस और प्रासीक्यूशन के बीच का तालमेल खतम हो गया है। वैसे पुलिस और प्रासीक्यूशन को अलग यह सोच कर किया गया था कि इससे प्रासीक्यूशन ज्यादा सक्षम और स्वतंत्र होगा लेकिन उनका मानना है कि इससे नुकसान हुआ है।



बीएस जून कहते हैं कि दोषसिद्धि की दर ठीक करने के लिए सभी स्तर पर जवाबदेही तय होनी चाहिए। जबकि पूर्णिमा कहती हैं कि नये आपराधिक कानूनों के लागू होने के बाद निश्चित तौर पर कन्विक्शन दर सुधरेगी क्योंकि उसमें जांच से लेकर ट्रायल तक की टाइम लाइन तय है।

यह भी पढ़ें- बच्चियों को अगवा कर दुष्कर्म करने वाले दोषी को उम्रकैद, एक लाख 60 हजार का जुर्माना भी लगा
like (0)
ChikheangForum Veteran

Post a reply

loginto write comments
Chikheang

He hasn't introduced himself yet.

410K

Threads

0

Posts

1410K

Credits

Forum Veteran

Credits
141713

Get jili slot free 100 online Gambling and more profitable chanced casino at www.deltin51.com, Of particular note is that we've prepared 100 free Lucky Slots games for new users, giving you the opportunity to experience the thrill of the slot machine world and feel a certain level of risk. Click on the content at the top of the forum to play these free slot games; they're simple and easy to learn, ensuring you can quickly get started and fully enjoy the fun. We also have a free roulette wheel with a value of 200 for inviting friends.