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वायु प्रदूषण पर बदली शहरों की सोच, वाराणसी, लखनऊ जैसे 25 शहरों की हवा 40 प्रतिशत तक सुधरी

cy520520 2025-10-3 04:06:30 views 953

  लखनऊ जैसे 25 शहरों की हवा 40 प्रतिशत तक सुधरी





जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वायु प्रदूषण पर पांच साल पहले तक आंखें मूंद कर बैठे रहने वाले शहरों की सोच अब इसे लेकर बदलते दिख रही है। वह अब न सिर्फ वायु प्रदूषण से निपटने की योजना बनाकर उस पर अमल में जुटे हुए है, बल्कि वायु गुणवत्ता में बदलाव की ओर भी बढ़ रहे है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

वर्ष 2020 में देश के जिन 130 प्रमुख शहरों के वायु प्रदूषण को कम करने को लेकर राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) की शुरूआत की गई है, उसके लक्ष्य को वाराणसी, लखनऊ, कानपुर, आगरा व देहरादून जैसे 25 प्रमुख शहरों ने तय समय से पहले ही हासिल कर लिया है, जबकि दूसरे शहर भी उस दिशा में बढ़ रहे है।


पीएम-10 के स्तर में 40 % कमी का लक्ष्य

एनसीएपी के तहत वर्ष 2025-26 तक इन शहरों को अपने यहां में 2017-18 के मुकाबले 40 प्रतिशत तक कम करना है। वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक एनसीएपी में शामिल 64 अन्य शहरों में भी 2017-18 की तुलना में पीएम-10 के स्तर में 20 प्रतिशत तक सुधार दर्ज हुआ है। वहीं अन्य 14 शहर भी ऐसे है, जिसमें वायु गुणवत्ता में सुधार आया है।



यह बात अलग है कि मेरठ, राउरकेला जैसे शहरों में वायु प्रदूषण से निपटने की योजना बन जाने के बाद भी वायु गुणवत्ता में कोई सुधार नहीं है।
प्रदूषण कम करने के लिए 20,130 करोड़ आवंटित

मंत्रालय के मुताबिक, इस 130 शहरों के वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए सरकार ने 20,130 करोड़ रुपए आवंटित है, जिसमें 13, 237 करोड़ शहरों को अब तक दिया भी जा चुका है। इसके साथ ही शहरों ने दूसरे मंत्रालयों के साथ मिलकर वायु प्रदूषण बढ़ाने वाले कारकों को भी समाप्त करने की दिशा में काम शुरू किया है। जिसमें छोटे-छोटे उद्योगों को स्वच्छ ईंधन में शिफ्ट करने, सडकों से उठने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए सड़कों की मरम्मत कराने जैसे कदम उठाए है।



मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक, एनसीएपी में शामिल 130 शहरों में से सभी शहरों ने अपने शहर का एयर एक्शन प्लान, ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान व जनता की शिकायतों को सुनने के लिए सिस्टम तैयार कर लिया है। इनमें से 54 शहरों को छोड़ दें तो बाकी शहरों ने जमीन पर भी इसके तहत काम शुरू कर दिया है। जिसका परिणाम भी दिखने लगा है।

अगले कुछ महीनों के भीतर सभी शहरों में इसके अमल का लक्ष्य रखा गया है। मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक बड़े शहरों में वायु प्रदूषण के खिलाफ छिड़े इस अभियान का असर छोड़े शहरों में भी देखने को मिल रहा है, जो राज्य सरकारों ने इन शहरों के वायु प्रदूषण पर निगरानी बढ़ी दी है।


इन मानकों पर होती है वायु गुणवत्ता की निगरानी

अपशिष्ट और बायोमास की डंपिंग और जलाना, उद्योग से होने वाला प्रदूषण, वाहन प्रदूषण, सड़क की धूल और निर्माण व तोड़फोड़ से उठने वाली धूल, क्षमता निर्माण, निगरानी नेटवर्क और स्रोत आवंटन - जागरूकता।
वायु गुणवत्ता में 40 प्रतिशत या अधिक सुधार वाले प्रमुख शहर  (पीएम 10 का स्तर)
शहर2017-182024-25
वाराणसी23061
लखनऊ253145
कानपुर227102
आगरा202109
देहरादून250107
सूरत13086
बरेली20750

ऐसे प्रमुख शहर जहां नहीं हुआ कोई सुधार ( पीएम 10 का स्तर)
शहर2017-182024-25
मेरठ122137
दुर्गापुर150154
राउरकेला99114
तलचर113126


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