बल्लभगढ़ में पेपरलेस ऑनलाइन रजिस्ट्री सिस्टम अभी भी पूरी तरह से शुरू नहीं हो पाया है। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, बल्लभगढ़। जिले में 1 नवंबर को शुरू हुआ पेपरलेस ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन सिस्टम अभी भी रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है। अभी बड़खल, बल्लभगढ़ और फरीदाबाद तहसीलों में 30 से 35 पेपरलेस रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन हो रहे हैं। पहले जब यह प्रोसेस मैनुअली होता था, तो 70 से 90 रजिस्ट्रेशन होते थे। अभी पुराने तरीके से ही सिर्फ उन्हीं लोगों के रजिस्ट्रेशन हो रहे हैं, जिन्होंने पहले से स्टांप पेपर खरीद रखे हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
जब 1 नवंबर को पेपरलेस रजिस्ट्रेशन शुरू हुआ था, तो उम्मीद थी कि प्रोसेस में तेजी आएगी। शुरू में न तो वसीयत लिखने वालों को पूरी जानकारी थी और न ही तहसील के क्लर्कों को। अधिकारियों ने धीरे-धीरे सिस्टम की दिक्कतों को दूर किया, लेकिन अब ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू हो रहे हैं, लेकिन इसे रफ्तार पकड़ने में अभी समय लगेगा।
मंगलवार को बल्लभगढ़ तहसील परिसर में पेपरलेस रजिस्ट्रेशन के लिए लोगों की भीड़ लगी रही। बेचने वाले और खरीदने वाले फोटो खिंचवाने के लिए खिड़की पर लाइन में लगे रहे।
मैं एक फ्लैट खरीद रहा हूं। मैं पेपरलेस रजिस्ट्रेशन करवाने आया हूं। हमारा बेचने वाला भी आ गया है। दोनों की फोटो खींच ली गई हैं। कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन यह नया सिस्टम है, इसलिए इसमें थोड़ा टाइम लगेगा।
- स्वाति सिंह
पेपरलेस ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन सिस्टम उतना मुश्किल नहीं लग रहा जितना पहले बताया गया था। पेपर्स तैयार करने में कोई दिक्कत नहीं हुई, बस थोड़ा टाइम लगता है।
- मुकेश कुमार
मैं सेक्टर 70 में एक फ्लैट खरीद रहा हूं। मैं अपने पापा के साथ पेपरलेस रजिस्ट्रेशन करवाने आया हूं। अब स्टाम्प पेपर खरीदने के लिए ट्रेजरी या स्टाम्प वेंडर के पास जाने की ज़रूरत नहीं है। पूरा प्रोसेस ऑनलाइन हो रहा है। यह अच्छी बात है।
- जनेश कुमार
सोमवार को हमारी तहसील में 30 पेपरलेस रजिस्ट्रेशन हुए। मंगलवार सुबह से काम फिर से ज़ोरों पर शुरू हो गया है। करीब 35 रजिस्ट्रेशन हो जाएंगे। अब वकील नवीस और RC इस सिस्टम को समझ गए हैं। यह प्रोसेस आगे और तेज़ी पकड़ेगा। -मयंक भारद्वाज, SDM, बल्लभगढ़
मंगलवार को हमारी तहसील में 35 रजिस्ट्रेशन हुए। जब भी कोई नया सिस्टम आता है, तो शुरू में उसे समझने में समय लगता है, इसलिए स्टाफ की रफ़्तार धीमी है। अब, चीज़ें धीरे-धीरे रफ़्तार पकड़ रही हैं।
-त्रिलोक चंद, SDM, बड़खल
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