श्याम से बहस करतीं रघुवीर की बेटी अंजू देवी, एवं मौजूद दोनों पक्षों के लोग।
जागरण संवाददाता, कासगंज। पटेल नगर में बुजुर्ग की मृत्यु के बाद अंतिम संस्कार को लेकर बेटे और कई सालों से उनकी देखभाल कर रहे व्यक्ति के परिवार से विवाद हो गया। दोनों में पोस्टमार्टम गृह में भी जमकर बहस हुई। लोगाें और पुलिस ने दोनों पक्षों को समझाया। बेटे मनोज ने शव का अंतिम संस्कार किया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मंगलवार को संदिग्ध हालात में हो गई थी मृत्यु, बेटे पर हत्या का जताया शक
कोतवाली क्षेत्र के पटेल नगर निवासी 80 वर्षीय रघुवीर यादव की मंगलवार शाम को संदिग्ध हालत में मृत्यु हो गई। रघवीर की मोहल्ला मोहन के रहने वाले श्याम के भतीजे दीपक उनके पास रहकर सेवा कर रहे थे। जबकि मनोज निवासी अशोकपुर पटियाली उनके इकलौते बेटे हैं। रघुवीर की एक बेटी अंजू देवी भी है। दोनों बच्चे ही वर्षों पहले पिता को अकेला छोड़कर मां के साथ चले गए थे। मंगलवार का रघुवीर की मृत्यु की जानकारी श्याम ने दी।
बेटा कई वर्षों से पिता से रह रहा था अलग, माेहल्ले का ही युवक कर रहा था सेवा
इस पर मनोज, उनकी बहन अंजूदेवी मय परिवार के घर पर आ गए। मनोज का आरोप था कि उसको शक है कि उनके पिता रघुवीर की श्याम ने अपने स्वजन के साथ हत्या की है। हंगामा होने पर पुलिस मौके पर पहुंच गई। रघुवीर की कई वर्षों से सेवा कर रहे दीपक के चाचा श्याम ने बताया कि रघुवीर कई दिनों से बीमार चल रहे थे। मंगलवार बीमारी के कारण उनकी मृत्यु हुई है। पुलिस ने मृत्यु का कारण जानने के लिए शव का पोस्टमार्टम कराया।
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अंतिम संस्कार के दौरान उलझ गए
बुधवार को अंतिम संस्कार को लेकर दोनों पक्ष एक बार भी आमने सामने आ गए। दोनों ही अंतिम संस्कार करना चाहते थे। दोनों पक्षों के लोगाें ने एक दूसरे को खूब समझाया पर कोई मानने को तैयार नहीं था। जानकारी पर पहुंचे सिपाही ने दोनों को शांत कराया और बेटे को अंतिम संस्कार करने देने को कहा। इसके बाद दोनों पक्ष शव को कछला गंगा घाट ले गए। जहां बेटे मनोज ने अंतिम संस्कार किया।
बेटा पांच माह पहले आया था पिता को लेने
मनोज ने पांच माह पहले अपने बीमार पिता रघुवीर को साथ ले जाने के लिए कासगंज आया था। उस समय पिता के साथ रह रहे दीपक और उसके परिवार ने पिता रघुवीर यादव को ले जाने नहीं दिया। इस पर मनाेज ने 25 अप्रैल को उसने पुलिस अधीक्षक को लिखित शिकायत भी की थी। इसे बाद भी वह पिता को ले नहीं जा पाया था।
मनोज का कहना कि दीपक के हत्या के मामले में जेल जाने के बाद उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं था। दीपक की पत्नी पिता को बंद कर रखती थी। उनका आरोप था कि इन्होंने उनके पिता की पटेलनगर में साढ़े पांच बीघा जमीन थी वह भी हड़प ली है।
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