deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

26 नवंबर को ही क्यों मनाते हैं Constitution Day... कितने दिनों की मेहनत के बाद तैयार हुआ हमारा संविधान?

cy520520 2025-11-25 18:30:56 views 557

  

Constitution Day of India: क्यों हर साल मनाया जाता है संविधान दिवस? (Image Source: Freepik)



लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। आज हम जिस आजादी, अधिकारों और लोकतंत्र पर गर्व करते हैं, उसकी नींव एक ऐसे ऐतिहासिक दिन पर रखी गई थी, जिसने भारत को उसकी असली पहचान दी। जी हां, हर साल 26 नवंबर को मनाया जाने वाला संविधान दिवस सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि उस लंबे और कठिन सफर की याद है, जब देश के महान नेताओं ने मिलकर भारत का संविधान तैयार किया- एक ऐसा दस्तावेज जो आज भी करोड़ों लोगों के जीवन का मार्गदर्शन करता है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

  
क्यों मनाया जाता है संविधान दिवस?

26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने भारत के संविधान को अपनाया था। स्वतंत्रता मिलने के बाद देश को चलाने के लिए एक मजबूत और स्पष्ट व्यवस्था की जरूरत थी, जिसे तैयार करने का जिम्मा संविधान सभा को दिया गया। 2 वर्ष 11 महीने और 18 दिनों की निरंतर मेहनत के बाद जब यह संविधान तैयार हुआ, तब यह दिन इतिहास में अमर हो गया।

साल 2015 में भारत सरकार ने आधिकारिक रूप से 26 नवंबर को संविधान दिवस घोषित किया (Why is Constitution Day Celebrated on November 26th), ताकि देश में संवैधानिक मूल्यों को बढ़ावा दिया जा सके। यह साल डॉ. भीमराव आंबेडकर की 125वीं जयंती का वर्ष भी था। जी हां, वह महान व्यक्तित्व जिन्होंने संविधान निर्माण में केंद्रीय भूमिका निभाई।
संविधान निर्माण का इतिहास

भारत की संविधान सभा 1946 में बनी थी और इसके अध्यक्ष देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद थे। संविधान का मसौदा तैयार करने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी डॉ. बी.आर. आंबेडकर की अध्यक्षता वाली ड्राफ्टिंग कमेटी को सौंपी गई थी।

1948 की शुरुआत में डॉ. आंबेडकर ने संविधान का प्रारूप तैयार कर सभा के सामने प्रस्तुत किया। कई विचार-विमर्श, सुझावों और बहस के बाद 26 नवंबर 1949 को इस संविधान को औपचारिक रूप से स्वीकार किया गया। इसके बाद 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू हुआ और इसी दिन भारत एक गणतंत्र राष्ट्र बना, जिस दिन को हम हर साल गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं।

भारतीय संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान माना जाता है, जिसके अंग्रेजी संस्करण में करीब 1,17,360 शब्द शामिल हैं। इसकी व्यापकता और विस्तृत विवरण इसे दुनिया के सबसे अनोखे और संतुलित संविधानों में स्थान देती है।

  
संविधान की मूल भावना क्या है?

भारत के संविधान की प्रस्तावना देश को सम्पूर्ण प्रभुत्व संपन्न, समाजवादी, पंथ-निरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित करती है। इसका उद्देश्य हर नागरिक को- न्याय, स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा प्रदान करना है, ताकि देश की एकता और अखंडता मजबूत बनी रहे।
संविधान दिवस का महत्व

संविधान दिवस उन 271 सदस्यों की मेहनत, दूरदृष्टि और समर्पण को सम्मान देने का अवसर है, जिन्होंने मिलकर भारत का भविष्य गढ़ा। यह संविधान केवल एक कानूनी दस्तावेज नहीं है, बल्कि सामाजिक न्याय और समानता की मजबूत घोषणा है, जिसने सदियों से चले आ रहे भेदभाव और असमानताओं को चुनौती दी।

यह दिन हमें याद दिलाता है कि लोकतंत्र की असली ताकत नागरिकों की भागीदारी और संवैधानिक मूल्यों के पालन में है। संविधान दिवस हमें प्रेरित करता है कि हम न केवल अपने अधिकारों को समझें, बल्कि अपने कर्तव्यों के प्रति भी सजग रहें।

यह भी पढ़ें- क्या है संविधान दिवस और इसे मनाने के लिए क्यों चुनी गई 26 नवंबर की तारीख?

यह भी पढ़ें- जब संविधान का प्रारूप लिखने के लिए सात लोगों को चुना गया था तो फिर अकेले डॉ. आंबेडकर ने क्‍यों लिखा?
like (0)
cy520520Forum Veteran

Post a reply

loginto write comments
cy520520

He hasn't introduced himself yet.

410K

Threads

0

Posts

1210K

Credits

Forum Veteran

Credits
123751