ट्रिब्यून चौक पर लगता है लंबा जाम।  
 
  
 
  
 
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। ट्रिब्यून फ्लाईओवर प्रोजेक्ट के लिए केंद्र सरकार ने 245.09 करोड़ रुपये को मंजूरी दे दी है। दस वर्षों तक प्रोजेक्ट फाइलों और फिर पांच वर्ष तक कानूनी विवाद में चलने के कारण लटका हुआ था, जिसके अब सिरे चढ़ने की उम्मीद जगी है। यह फ्लाईओवर बनने से चंडीगढ़, पंचकूला और मोहाली समेत दूसरे राज्यों से आने वाले वाहन चालकों को जाम से मुक्ति मिलेगी। अभी हालात ऐसे हैं कि ट्रिब्यून चौक पर लंबा जाम लगता है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
  
 
जाम से मुक्ति दिलाने के लिए यूनियन मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे ने 1.65 किलोमीटर लंबे फ्लाईओवर के लिए बीते 24 सितंबर को ऑर्डर जारी कर दिए। आदेशों की काॅपी इसी हफ्ते यूटी प्रशासन के इंजीनियरिंग विभाग को भी भेजी जा चुकी है। यूटी इंजीनियरिंग विभाग ने मई में फ्लाईओवर के लिए संशोधित बजट की राशि 245.09 मंजूरी के लिए भेजी गई थी।   
ट्रिब्यून फ्लाईओवर का बजट 138 करोड़ से पहुंचा 247 करोड़  
 
शहर में हर रोज पांच से छह लाख वाहन दूसरे राज्यों से चंडीगढ़ में प्रवेश करते हैं। ट्रिब्यून चौक पर बढ़ते ट्रैफिक जाम से राहत पाने के लिए 2018-19 में फ्लाईओवर का प्रस्ताव पास किया गया, जिसे केंद्र सरकार से भी मंजूरी मिल गई। मामला कोर्ट में चला जाने से प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में चला गया। हाईकोर्ट से बीते वर्ष फ्लाईओवर की मंजूरी मिली। प्रोजेक्ट की लागत 138 करोड़ से बढ़कर 247 करोड़ से अधिक की अनुमानित है। 18 महीने में पूरेे होने वाले प्रोजेक्ट को शुरू होने में ही 10 साल से अधिक का समय लग गया। अब जल्द प्रोजेक्ट सिरे चढ़ने की उम्मीद बंधी है।  
 
  
ट्रिब्यून फ्लाईओवर से जुड़ी खास बातें   
 
    
 
-केंद्र सरकार की ओर से 2016 में फ्लाईओवर को हरी झंडी मिली।gurgaon-general,Kadipur Industrial Area property tax,Gurugram Municipal Corporation action,Property tax defaulters Gurugram,Tax evasion Kadipur,Property sealing Gurugram,Municipal Corporation tax recovery,Gurugram property tax,Kadipur Industrial Area,Property tax payment,Haryana news     
 
-2019 में यूटी प्रशासन ने फ्लाईओवर के लिए टेंडर जारी किया।  
 
-3 मार्च 2019 को प्रोजेक्ट का फाउंडेशन रखा गया।  
 
-पहले 7 किलोमीटर फिर 3.5 किलोमीटर और अंत में 1.6 किलोमीटर फ्लाईओवर को मंजूरी  
 
  
 
-शुरआती एस्टीमेट के तहत 137 करोड़ में फ्लाईओवर तैयार किया जाना था।  
 
-अब फ्लाईओवर का बजट 247 करोड़ से अधिक पहुंच चुका था।  
 
-यूटी प्रशासन लंबे समय से प्रोजेक्ट की मंजूरी का इंतजार कर रहा था।  
 
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