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UP में ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का ट्रैक होगा डबल, कार्गाे टर्मिनल बनने से उद्योगों की राह होगी आसान

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जागरण संवाददाता, मुजफ्फरनगर। ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर (ई-डीएफसीसी) के ट्रैक का दोहरीकरण करने की प्रक्रिया आरंभ की गई है। डिटेल्स प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने से पहले सर्वे किया जा रहा है, 80 प्रतिशत पूर्ण हो गया है।

पहले चरण में लगभग 400 किलोमीटर से अधिक ट्रैक डबल होगा। इसके लिए कार्रवाई शुरू की गई है। डबल ट्रैक होने के साथ कार्गो टर्मिनल बनने से उद्योगों की राह आसान होगी।

रेलवे की महायोजना ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर का बंगाल से लेकर पंजाब तक लगभग 1856 किलोमीटर ट्रैक बिछाया गया है। इसमें बिहार के सोननगर से पंजाब-लुधियाना के साहनेवाल तक लगभग 1330 किलोमीटर की दूरी है। इसी ट्रैक पर पश्विमी उत्तर प्रदेश से जनपद पड़ते हैं, जहां औद्योगिक इकाइयों का हब है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

बुलंदशहर के खुर्जा से1409 किलोमीटर का ट्रैक डबल और विद्युतीकृत है। जबकि खुर्जा से पंजाब तक लगभग 400 किलोमीटर लंबाई का ट्रैक सिंगल है। इसे ही डबल किया जाना है, जिसका फ्रेट कारिडोर प्रबंधन सर्वे करा रहा है, यह कार्य लगभग 80 प्रतिशत पूर्ण हो गया है।

सर्वे के बाद डिटेल्स प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार होगी। इस ट्रैक से उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के कुछ हिस्सों में बिजली संयंत्रों के लिए कोयला, राजस्थान से पूर्व में इस्पात संयंत्रों के लिए तैयार इस्पात, खाद्यान्न, सीमेंट, उर्वरक, चूना पत्थर की ढुलाई होती है। खुर्जा से सहारनपुरके बीच कार्गो टर्मिनल है, जहां से माल की लोडिंग और अनलोडिंग होती है।
गुलावठी में बन रहा, मंसूरपुर में प्रस्तावित टर्मिनल

फ्रेट कारिडोर की लाइन पर न्यू मंसूरपुर स्टेशन के निकट कार्गो टर्मिनल प्रस्तावित है। कार्गाे टर्मिनल ऐसा स्टेशन रहता है। जहां से किसी भी स्थान पर माल या माल समेत ट्रक को किसी अन्य स्टेशन तक भेजा जाता है।

इसी तरह से किसी अन्य स्टेशन से आए माल या माल वाहक वाहन को उतारा जाता है। इसमें अलग-अलग श्रेणी व माल के अनुसार ब्लाक बनाए जाते हैं। बुलंदशहर के गुलावठी में टर्मिनल बनाया जा रहा है, यह अगले दो माह में तैयार होकर संचालित किया जाएगा।
अभी 30 से 40 मालगाड़ी का संचालन

डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर पर 30 से 40 मालगाड़ी का संचालन प्रतिदिन हो रहा है, जबकि जनवरी से मार्च के बीच इनकी संख्या बढ़कर 50 तक भी पहुंच जाती है। चूंकि खुर्जा से साहनेवाल तक अभी ट्रैक सिंगल है। भविष्य में ट्रेनों की संख्या में और वृद्धि होगी।इसी के मद्देनजर डीएफसीसी के ट्रैक को डबल किया जाना है।
आंकड़ों पर एक नजर-

  • 1330 किलोमीटर तक बना कारिडोर ट्रैक
  • 21 स्टेशन खुर्जा से सहानपपुर पिलखनी तक
  • 45 मालगाड़ियों का रोजाना आवागमन
  • 401 किलोमीटर की दूरी तक होगा सर्वे


खुर्जा से साहनेवाल तक ट्रैक को डबल किए जाने को लेकर फिजिबल एलाइनमेंट का सर्वे लगभग 80 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। यह देखा गया है कि कहां भूमि है और कहां-कहां भूमि लेनी पड़ेगी। इसके बाद डीपीआर तैयार कर मुख्यालय भेजी जाएगी। उसके बाद रेलवे मंत्रालय की अनुमति होगी। गुलावठी में नया टर्मिनल बनाने का कार्य चल रहा है।

- पंकज कुमार गुप्ता, सीजीएम, ई-डीएफसीसी, मेरठ-अंबाला यूनिट।
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