लाइट एंड साउंड संग जलेगा रावण, ताकि नहीं बढ़े प्रदूषण।
जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। दशहरे के दिन धू-धू कर रावण का पुतला जलेगा, तो आतिशबाजी की शानदार रोशनी होगी और पटाखों की तेज धमाकों की आवाज भी, लेकिन प्रदूषण नहीं बढ़ेगा।
दरअसल, कई जगहों पर लाइट एंड साउंड के इस्तेमाल से ईको फ्रेंडली रावण दहन किया जाएगा। इसके तहत रंगीन लाइटों और रोमांचक साउंड इफेक्ट्स के साथ आतिशबाजी का प्रदर्शन होगा। दशहरे के बाद प्रदूषण ना बढ़े इसलिए रामलीला समितियों और विभिन्न सोसायटियों ने ये योजना बनाई है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
दक्षिणी दिल्ली में कई रामलीला समितियां और विभिन्न संगठन की ओर से दशहरा पूरी तरह प्रदूषण मुक्त मनाया जाएगा। रावण दहन में धुएं और पटाखों की जगह लाइट और साउंड इफेक्ट्स के साथ आतिशबाजी की जाएगी।
रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ के विशाल ईको फ्रेंडली पुतले जलाए जाएंगे। आयोजकों का कहना है कि इस तरह का आयोजन केवल बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक नहीं होगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी देगा।
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चिराग दिल्ली में जलेगा 90 फीट का रावण
श्री धार्मिक रामलीला चिराग दिल्ली में रावण का 90 फीट का पुतला दहन होगा। वहीं कुंभकर्ण का 85 फीट और मेघनाथ का 80 फीट का पुतला तैयार किया गया है। समिति के मुख्य आयोजक राकेश गुलिया ने बताया कि किसी भी तरह के प्रदूषण फैलाने वाले पटाखे इस्तेमाल नहीं होंगे।
आतिशबाजी के लिए साउंड और लाइट इफेक्ट का इस्तेमाल करेंगे। श्रीराम धार्मिक रामलीला समिति ग्रेटर कैलाश के चेयरमैन व विधायक सतीश उपाध्याय ने बताया कि दशहरा पूरी तरह ईको फ्रेंडली रहेगा। रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ के 55 फीट ऊंचे पुतले तैयार किए गए हैं।
पटाखों की जगह साउंड सिस्टम का इस्तेमाल करेंगे, जिससे दर्शकों को पूरी तरह आतिशबाजी और लाइटिंग का अनुभव मिलेगा। उधर, ईस्ट आफ कैलाश के सी ब्लाक में भी ईको फ्रेंडली दशहरा मनाया जाएगा।
फेडरेशन ऑफ सीनियर सिटीजन से पवन शर्मा ने बताया कि पुतला पूरी तरह कागज से तैयार किया गया है। किसी भी तरह के पटाखे इस्तेमाल नहीं किए जाएंगे सिर्फ साउंड की मदद से आतिशबाजी होगी।
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