दिल्ली के सभी स्कूल अब नशामुक्त समाज बनाने की दिशा में काम करेंगे। फाइल फोटो
रितिका मिश्रा, नई दिल्ली। राजधानी के सभी स्कूल अब नशामुक्त समाज की नींव रखेंगे। इस पहल के तहत, शिक्षा निदेशालय ने सभी सरकारी, सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों में वॉचडॉग क्लब बनाने के निर्देश दिए हैं। इन क्लबों के छात्र न केवल नशामुक्ति के दूत बनेंगे, बल्कि स्कूल परिसर और उसके आसपास नशीली दवाओं के दुरुपयोग को रोकने में भी सक्रिय भूमिका निभाएंगे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
शिक्षा निदेशालय के एक अधिकारी के अनुसार, दिल्ली सरकार ने 2027 तक नशामुक्त दिल्ली का लक्ष्य रखा है और वॉचडॉग क्लब इस दिशा में उनकी सबसे बड़ी पहल मानी जा रही है। उन्होंने बताया कि सभी स्कूलों को वॉचडॉग क्लबों को सक्रिय करने और नशामुक्ति गतिविधियों को और मज़बूत करने के निर्देश दिए गए हैं।
यह पहल राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर), एनसीओआरडी समिति और शिक्षा निदेशालय के मार्गदर्शन में विकसित की गई है। निदेशालय का मानना है कि किशोरों में नशाखोरी मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ शैक्षिक परिणामों को भी प्रभावित करती है।balia-local,Ballia police,Durga Puja Pandal,police lathicharge,station house officer suspended,law and order,police investigation,road accident Ballia,public protest,Indian Club Durga Puja Samiti, ,Uttar Pradesh news
सभी स्कूलों के प्रधानाचार्यों को आयु-उपयुक्त गतिविधियाँ और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं। निदेशालय ने बताया कि ये गतिविधियाँ स्कूल के शून्य काल (कक्षाएँ शुरू होने से पहले आयोजित होने वाली कक्षा), सभा, गतिविधि काल, बैग-रहित दिवस, स्कूल के कार्यक्रमों और अभिभावक-शिक्षक बैठकों के दौरान आयोजित की जा सकती हैं, ताकि मूल शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया बाधित न हो।
- नशीली दवाओं के दुरुपयोग के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाना
- स्कूल परिसर में और उसके आसपास नशीली दवाओं की बिक्री और सेवन को रोकना
- जोखिम वाले बच्चों की पहचान करना और उन्हें शैक्षिक-व्यावसायिक मार्गदर्शन ब्यूरो (ईवीजीसी) से जोड़ना और परामर्श देना
- नशामुक्त शैक्षिक वातावरण को बढ़ावा देना
नोडल शिक्षक प्रभारी की ज़िम्मेदारियां
- जागरूकता अभियान आयोजित करना, मासिक कैलेंडर गतिविधियों में भाग लेना और स्कूल की ज़रूरतों के अनुसार नवीन तरीके अपनाना
- छात्रों के बैग की आकस्मिक जाँच करना और नशीली दवाओं से संबंधित सामग्री पाए जाने पर उचित कार्रवाई करना।
- प्रधानाचार्य पहचाने गए बच्चों के मामलों का रिकॉर्ड रखेंगे, जिसे गोपनीय रखा जाएगा और केवल नोडल अधिकारी के साथ साझा किया जाएगा।
- परामर्श के लिए भेजे गए बच्चों की संख्या का रिकॉर्ड रखना।
- यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि स्कूल में बच्चे के साथ किसी भी तरह का भेदभाव न हो।
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