deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

आखिर घर के अंदर प्रदूषण से कैसे बचें ? मकानों के डिजाइन और तकनीक के प्रयोग की एक्सपर्ट ने की वकालत

Chikheang 2025-11-21 03:06:59 views 318

  indoor pollution



राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में घरों के भीतर वायु प्रदूषण से बचाव के लिए उनकी डिजाइनिंग व तकनीक के इस्तेमाल पर जोर दिया है। उनका कहना है कि वायु गुणवत्ता में गिरावट अब मौसमी असुविधा नहीं, बल्कि एक चुनौती है, जो रोज़मर्रा की जिंदगी को प्रभावित कर रही है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

एक्यूआई के बार-बार खतरनाक सीमा को पार करने के साथ, स्वच्छ हवा नागरिकों और नीति निर्माताओं की साझा जिम्मेदारी बन गई है। इसलिए घरों को वेलनेस इकोसिस्टम में विकसित होना चाहिए। जहां वास्तुकला, तकनीक और सामुदायिक गतिविधियां मिलकर स्वस्थ और खुशहाल जीवन प्रदान करें। ओखला के गोदरेज साउथ एस्टेट में हुई \“ब्रीद अ लिटिल डीपर\“ पैनल चर्चा में विभिन्न विशेषज्ञों ने अपने सुझाव दिए।

इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के श्वसन तंत्र के वरिष्ठ सलाहकार डाॅ. निखिल मोदी ने कहा, \“दिल्ली में इंडोर प्रदूषण की स्थिति में परिवार नियमित रूप से एयर प्यूरीफायर फिल्टर बदलकर, सूखी धूल झाड़ने से बचकर और प्रदूषकों को कम रखने के लिए गीले पोछे का इस्तेमाल करके जोखिम को कम कर सकते हैं। बाहर एन 95 मास्क का प्रयोग करें। एक्यूआई बढ़ने पर सुबह की सैर से बचें और प्रदूषण के चरम पर होने पर वर्कआउट घर के अंदर ही करें।\“

दिल्ली अभिभावक संघ की अध्यक्ष अपराजिता गौतम ने कहा, \“माता-पिता बच्चों पर प्रदूषण के प्रभाव को लेकर बहुत चिंतित हैं- स्कूल छूटने से लेकर बाहर खेलने पर प्रतिबंध तक। यह परिदृश्य सभी हितधारकों से सामूहिक कार्रवाई की मांग करता है। धरा या धरती एक साझा रहने की जगह है और इसकी बेहतरी भी एक साझा जिम्मेदारी है।

इस विश्वास के साथ, वर्तमान स्थिति की मांग है कि नागरिक, हाउसिंग सोसायटी, स्कूल, यहां तक कि रियल एस्टेट डेवलपर भी सड़कों के मालिक बनें और बेहतर वायु गुणवत्ता के लिए आस-पड़ोस का पोषण करें। वृक्षारोपण और ग्रीन बफर विकसित करके भी इसमें और योगदान दे सकते हैं जो बाहरी स्थानों को सुरक्षित बनाते हैं।\“

काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरनमेंट एंड वाटर (सीईईडब्ल्यू) के कार्यक्रम प्रमुख डाॅ. मोहम्मद रफीउद्दीन ने कहा, \“आंतरिक शुद्धिकरण प्रणालियां अल्पकालिक राहत प्रदान कर सकती हैं, लेकिन वे व्यवस्थागत बदलाव का विकल्प नहीं हैं। उनकी प्रभावशीलता और सामर्थ्य अंततः बाहरी प्रदूषण को कम करने पर निर्भर करते हैं। इसलिए स्रोत-स्तरीय हस्तक्षेप सर्वोच्च प्राथमिकता बन जाते हैं।इस दिशा में नवाचार, नीतिगत समर्थन के साथ, भविष्य के लिए स्वस्थ घरों और शहरों के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण होंगे।\“
पैनल चर्चा में इंडोर प्रदूषण से निपटने के लिए दिए गए सुझाव

  • इंडोर प्रदूषण : सेंट्रली ट्रिटिड फ्रेश एयर टेक्नोलाॅजी (सीटीएफए) के इस्तेमाल से घरों में हानिकारक कणों, गैसों और रोगाणुओं को फिल्टर करते हुए बेहतर स्वास्थ्य के लिए ऑक्सीजन युक्त हवा बनाए रखना।
  • बाहरी प्रदूषण : मल्टी फैक्टर आथेंटिकेशन (एमएफएफए) तकनीक रणनीतिक रूप से सार्वजनिक क्षेत्रों में पीएम 2.5 और अन्य प्रदूषकों को कम करती हैं। यह बाहरी वायु गुणवत्ता सूचकांक में उल्लेखनीय सुधार करती हैं।
  • ध्वनि प्रदूषण : शोर कम करने के लिए डबल-ग्लेज़्ड खिड़कियां और प्राकृतिक फिल्टरेशन के लिए ग्रीन बफर तकनीक उपयोगी है।


यह भी पढ़ें- कोहरे में पूरी तरह सुरक्षित रहेगी रेल यात्रा, दिल्ली मंडल में लगाई जाएंगी 1134 फाॅग सेफ्टी डिवाइस
like (0)
ChikheangForum Veteran

Post a reply

loginto write comments

Explore interesting content

Chikheang

He hasn't introduced himself yet.

410K

Threads

0

Posts

1210K

Credits

Forum Veteran

Credits
125803