क्राइम ब्रांच की टीम ने आरोपित को दबोचने में सफलता पाई। (सांकेतिक तस्वीर)
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। कीर्ति नगर में अपने साथियों के साथ मिलकर मालिक को बंधक बनाकर सोने के आभूषण लूटने वाले भगोड़ा घोषित नौकर को आखिरकार क्राइम ब्रांच की टीम ने दबोच लिया। वह पिछले 12 वर्षों से फरार था और उसकी गिरफ्तारी पर पुलिस की ओर से 20 हजार रुपये का इनाम घोषित था। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
आरोपित की पहचान जिला जुमई, बिहार के गौतम यादव के रूप में हुई है। हालांकि उसके सह-आरोपित सूरज यादव और सुरेश यादव को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है, लेकिन गौतम वारदात के बाद से फरार चल रहा था।
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क्या है पूरा मामला?
उपायुक्त हर्ष इंदौरा के मुताबिक, आठ मार्च 2013 को कीर्ति नगर में रहने वाली मकान मालकिन ने शिकायत दर्ज कराते हुए बताया था उनका नौकर गौतम अपने साथियों के साथ उनके घर में घुसा और जबरन उनके हाथ-पैर और मुंह बांध दिया। इसके बाद उनकी दो सोने की चूड़ियां, एक सोने की चेन और एक सोने की अंगूठी लूट ली और फरार हो गए।
मामले में दो आरोपित को तो पकड़ लिया गया लेकिन गौतम फरार था। भगोड़ा घोषित होने के बाद मामला क्राइम ब्रांच को सौंपा गया। एसीपी सतेंद्र मोहन की देखरेख में और इंस्पेक्टर महिपाल के नेतृत्व में टीम गठित की गई। गुप्त सूचना के आधार पर टीम ने 30 सितंबर को जाल बिछाते हुए जयपुर के गंगेश्वर नगर में जाल बिछाते हुए आरोपित को दबोच लिया।
पूछताछ में उसने बताया कि कीर्ति नगर स्थित एक आलीशान घर में नौकर के रूप में काम करते हुए, उसने अपने साथियों के साथ मिलकर लूटपाट की साजिश रची थी। अपने मालिक के भरोसे का फायदा उठाकर, गौतम ने घर में उस समय सेंधमारी की जब वह घर की महिला अकेली थीं। वारदात को अंजाम देने के बाद वह चेन्नई, हरियाणा, मध्य प्रदेश और राजस्थान में छिपता रहा। ई-रिक्शा चलाने सहित छोटे-मोटे काम करता रहा और दिन में अपने गांव जाने से बचता रहा।
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