25 सालों में 50 करोड़ की वृद्धि।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की एक रिपोर्ट आई है, जिसमें यह अनुमान लगाया गया है कि भारत समेत सात देश दुनिया की शहरी आबादी के भविष्य के विकास को आकार देंगे। क्योंकि 2025 से 2050 के बीच इन देशों में 50 करोड़ से अधिक शहरी निवासी बढ़ने की उम्मीद है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
यूएन के आर्थिक और सामाजिक मामलों के विभाग (यूएन डीईएसए) की तरफ से जारी \“विश्व शहरीकरण संभावनाएं 2025: परिमाणों का सारांश\“ में कहा गया है कि दुनिया तेजी से शहरी होती जा रही है। अभी 8.2 अरब की वैश्विक आबादी का करीब 45 प्रतिशत हिस्सा शहरों में रहता है।
एशिया और अफ्रीका में होगी वृद्धि
रिपोर्ट के अनुसार, मौजूदा समय से 2050 के बीच दुनिया की शहरी आबादी की वृद्धि सात देशों में केंद्रित होगी। इन देशों में भारत, नाइजीरिया, पाकिस्तान, कांगो, मिस्त्र, बांग्लादेश और इथियोपिया शामिल हैं। इन देशों में 2025 में वैश्विक आबादी के लगभग एक तिहाई (30 प्रतिशत) लोग रहते हैं।
बुनियादी ढांचे पर बढ़ेगा दबाव
ये देश शहरी आबादी के भविष्य के विकास को आकार देंगे। अनुमान है कि 2050 तक शहरी निवासियों की वैश्विक वृद्धि में इनका योगदान आधे से ज्यादा होगा।रिपोर्ट के मुताबिक, इन सात देशों में कुल मिलाकर 2025 से 2050 के बीच 50 करोड़ से ज्यादा शहरी निवासी जुड़ सकते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन प्रमुख देशों में शहरीकरण की सफलता या विफलता वैश्विक विकास के परिणामों को आकार देगी।
25 सालों में 50 करोड़ की वृद्धि
शहरी विकास को स्थायी रूप से प्रबंधित करने की उनकी क्षमता का न केवल उनकी आबादी पर बल्कि सतत विकास लक्ष्यों और जलवायु उद्देश्यों की दिशा में वैश्विक प्रगति पर भी गहरा प्रभाव पड़ेगा। इसमें यह भी कहा गया है कि दुनिया की दो सबसे बड़ी आबादी वाले देशों भारत और चीन में अभी से लेकर 2050 तक शहरों में रहने वाली सबसे बड़ी आबादी होगी।
(न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ) |