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Mokshada Ekadashi 2025: मोक्षदा एकादशी के दिन होगा भद्रा का साया, जानें पूजन सामग्री, पारण समय और श्री हरि के प्रिय भोग

Chikheang 2025-11-19 14:45:10 views 180

  

Mokshada Ekadashi 2025: मोक्षदा एकादशी पूजा नियम।



धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में मोक्षदा एकादशी का विशेष महत्व है। यह एकादशी मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की तिथि को पड़ती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है और पूर्वजों की आत्मा की शांति मिलती है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार मोक्षदा एकादशी (Mokshada Ekadashi 2025) 1 दिसंबर 2025 को मनाई जाएगी। आइए इस तिथि से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं, जो इस प्रकार हैं।

  
कब है मोक्षदा एकादशी? (Mokshada Ekadashi 2025 Shubh Muhurat)

हिंदू पंचांग के अनुसार, अगहन महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 30 नवंबर को रात 09 बजकर 29 मिनट पर होगी। वहीं, एकादशी तिथि का समापन 01 दिसंबर को रात 07 बजकर 01 मिनट पर होगा। हिंदू धर्म में उदया तिथि का महत्व है। ऐसे में 01 दिसंबर को मोक्षदा एकादशी मनाई जाएगी।
पूजन सामग्री (Mokshada Ekadashi 2025 Puja Samagri)

  • विष्णु जी की प्रतिमा/तस्वीर
  • पीले फूल, पीले वस्त्र
  • तुलसी दल
  • धूप, दीप, चंदन, अक्षत, रोली
  • गंगाजल
  • घी
  • मिठाई

श्री हरि के प्रिय भोग (Mokshada Ekadashi 2025 Bhog List)

  • पंचामृत - दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल का मिश्रण, जिसमें तुलसी दल जरूर मिलाया गया हो।
  • पीली मिठाई - बेसन के लड्डू या पीले रंग की कोई भी मिठाई आदि।
  • फल - केला, आम व मौसमी फल।

पारण का शुभ समय (Mokshada Ekadashi 2025 Paran Time)

एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि पर ही करना चाहिए। पारण के समय चावल या अनाज ग्रहण किया जाता है। अगहन महीने के कृष्ण पक्ष की मोक्षदा एकादशी का पारण 02 दिसंबर को सुबह 07 बजे से लेकर सुबह 09 बजकर 05 मिनट के बीच किया जाएगा।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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