जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। सिविल लाइंस क्षेत्र के एक कारोबारी ने घर पर काम करने वाली नौकरानी के कागज लेकर बिना बताए बैंक में खाता खुलवा दिया। इसके बाद उस बैंक खाते से कारोबार करना शुरू कर दिया। बैंक खाते से चार करोड़ रुपये का लेनदेन हो गया। आयकर विभाग से नोटिस पहुंचने के बाद नौकरानी को मामले की जानकारी हुई। पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर कारोबारी आशीष अग्रवाल के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी की धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
क्षेत्र के हिमगिरी कॉलोनी निवासी नील देवी ने कोर्ट में दिए प्रार्थना पत्र में बताया कि वह लोगों के घरों में झाड़ू, पोछा, सफाई और बर्तन मांजने का काम करती है। साल 2014 में रामगंगा विहार फेज एक में किराये पर रहने वाले आशीष अग्रवाल के यहां वह झाड़ू-पोछा और बर्तन का काम करती रही थी।
उसे रखते समय आशीष अग्रवाल ने उसका आधार कार्ड और फोटो यह कहकर लिया था कि नौकरी पर रखते समय इन चीजों की जरूरत है। फरवरी 2016 में आशीष के यहां से काम छोड़ दिया था। 29 मार्च 2025 को उसके पास आयकर विभाग का एक नोटिस प्राप्त हुआ, जिससे पता चला कि आशीष अग्रवाल ने उसके नाम से बैंक खाता खोल कर उससे चार करोड़ रुपये का लेनदेन किया। पति पिछले 25 साल से लकवाग्रस्त हैं। मजबूरी में वह लोगों के घरों में काम करके किसी तरह परिवार चला रही है।
आशीष अग्रवाल ने उसे धोखा देकर साजिश के तहत नौकरी पर रखते समय उसका आधार कार्ड और फोटो ले लिया। बाद में उसकी मदद से कूटरचित दस्तावेजों के माध्यम से बैंक में उसके नाम से खाता खोला और उससे लेनदेन किया। आयकर विभाग का नोटिस मिलने के बाद पुलिस में शिकायत की लेकिन सुनवाई नहीं हुई। परेशान होकर कोर्ट में अर्जी लगा दी। मामले में सीजेएम कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने कार्रवाई की।
इंस्पेक्टर मनीष सक्सेना ने बताया कि शिकायती पत्र के आधार पर आरोपित आशीष अग्रवाल के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी की धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की है। जांच के बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। |