deltin33 • 2025-11-19 00:07:51 • views 966
गौतम गंभीर ने आजमाया पुराना तरीका
पीटीआई, कोलकाता: ईडन गार्डेंस स्टेडियम में दक्षिण अफ्रीकी स्पिनर सिमोन हार्मर और केशव महाराज के सामने भारतीय बल्लेबाजी की कलई खुलने के बाद अब भारतीय टीम गुवाहाटी में किसी तरह का जोखिम नहीं लेना चाहती है। सीरीज के दूसरे टेस्ट मैच से पहले टीम ने अपनी तैयारियों का केंद्र स्पिनरों के विरुद्ध बल्लेबाजी को बना दिया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
ईडन में मंगलवार को हुए वैकल्पिक नेट सत्र के दौरान बल्लेबाजों को असामान्य लेकिन बेहद उद्देश्यपूर्ण तरीकों का सहारा लेते देखा गया जिसमें साई सुदर्शन और ध्रुव जुरेल का केवल एक पैड पहनकर स्पिन खेलना सबसे अनोखा दृश्य रहा। करीब तीन घंटे तक चले इस सत्र में बाएं हाथ के बल्लेबाज सुदर्शन ने अपना दायां पैड उतारकर लेफ्ट आर्म और आफ स्पिनरों का सामना किया।
ये है असली वजह
यह पुरानी कोचिंग शैली इस सिद्धांत पर आधारित है कि सामने वाला पैड हटाने से बल्लेबाज पैरों पर भरोसा कम और बल्ले पर ज्यादा करते हैं। पैड पहनकर अभ्यास में अक्सर बल्लेबाज कंडीशन रिफलेक्स के चलते फ्रंट पैड आगे निकाल देते हैं, जिससे वे एलबीडब्ल्यू की स्थिति में फंसते हैं। लेकिन बिना पैड के नेट सत्र बल्लेबाज को मजबूर करता है कि वह गेंद को साफ तौर पर पढ़े और बल्ले के सामने रखे। सुदर्शन भले ही ईडन टेस्ट में नहीं खेले हों और गुवाहाटी में उनकी जगह सुनिश्चित न हो, लेकिन उनकी तैयारी बेहद समर्पित दिखी। हालांकि तेज गेंदबाजों के सामने वह ज्यादा सहज नहीं दिखे। अभ्यास सत्र में आकाश दीप ने बार-बार उनको चमका दिया, जबकि नेट गेंदबाजों की स्विंग ने भी उन्हें परेशान किया।
इस दौरान मुख्य कोच गौतम गंभीर और बल्लेबाजी कोच सितांशु कोटक कई बार उनसे बातचीत करते नजर आए। जुरैल ने भी इसी तकनीक का पालन करते हुए अपना दाहिना पैड उताकर रिवर्स स्वीप का लंबा अभ्यास किया। दाएं हाथ के बल्लेबाज के लिए यह शॉट दाहिने पैर की बड़ी स्ट्राइड पर निर्भर करता है और एक पैड हटाने से स्टेप की दिशा और संतुलन नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
यह अभ्यास बल्लेबाजों को क्रीज से बाहर आने और स्पिन को दबाने की आदत डालने के लिए भी किया गया। पिछले कुछ समय से भारतीय बाएं हाथ के बल्लेबाजों में बैकफुट पर खेलने की प्रवृत्ति बढ़ी है। को¨चग स्टाफ का मानना है कि यह प्रवृत्ति स्पिन पढ़ने की क्षमता को कमजोर करती है, और ऐसे अभ्यास बल्लेबाजों को फुटवर्क की शुरुआती गलतियों से उबारते हैं। इस वैकल्पिक नेट सत्र में टीम के सिर्फ छह सदस्य पहुंचे। रवींद्र जडेजा ने सबसे लंबा नेट लिया और युवा खिलाड़ियों के लिए दिशा-निर्देश भी दिए।
नीतीश स्टैंड बाय विकल्प के रूप में पहुंचे
शुभमन गिल की गर्दन की अकड़न के कारण दूसरे टेस्ट में उनके खेलने की संभावना बेहद कम हो गई है। इसी कारण भारत \“ए\“ के लिए दक्षिण अफ्रीका \“ए\“ के खिलाफ राजकोट में खेल रहे नीतीश रेड्डी को टीम प्रबंधन ने तत्काल प्रभाव से कोलकाता बुला लिया। नीतीश मंगलवार शाम को कोलकाता पहुंचे, लेकिन अभ्यास में हिस्सा नहीं लिया। गिल टीम के साथ गुवाहाटी जाएंगे, लेकिन डाक्टरों के अनुसार गर्दन के ऊपरी हिस्से में कठोरता के कारण उन्हें खेलने में कठिनाई होगी। यदि वे उपलब्ध नहीं हुए, तो वे सीधे कोलकाता से बेंगलुरु के बीसीसीआई सेंटर आफ एक्सीलेंस भेजे जाएंगे।
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