डा. आदिल व मुजम्मिल। सौ. इंटरनेट मीडिया
जागरण संवाददाता, सहारनपुर। देशभर में सक्रिय आतंकी नेटवर्क के खिलाफ चल रही जांच में डा. आदिल अहमद के संबंध में बड़े राज सामने आए हैं। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग का रहने वाला आदिल हरियाणा में रोहतक के रास्ते सहारनपुर पहुंचा था, जहां वह बीते डेढ़ वर्ष से डाक्टर की पहचान के पीछे छिपकर आतंकी माड्यूल संचालित कर रहा था। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
खुफिया एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक सामने आया है कि डा. आदिल अहमद सबसे पहले हरियाणा के रोहतक पहुंचा था, जहां उसने आस्कर अस्पताल में इंटरव्यू दिया। इसमें चयनित होने के बाद उसे चार लाख रुपये मासिक वेतन पैकेज पर सहारनपुर ब्रांच में तैनात कर दिया गया। जिले में तैनाती के बाद उसने मेडिकल पेशे की आड़ में अपना नेटवर्क मजबूत किया और युवाओं से संपर्क बढ़ाया।
अंबाला रोड स्थित किराए के मकान में रहते हुए आदिल ने आतंकी गतिविधियों को संचालित करना शुरू किया। यहीं बैठकर वह पंजाब में अपने साथियों से विस्फोटक सामग्री जुटाने के लिए संपर्क करता था। जिस क्षेत्र से विस्फोटक सामग्री की सप्लाई की गई, वह पंजाब के बार्डर के नजदीक है। पंजाब पुलिस उन लोगों की पहचान कर चुकी है, जो पिछले कुछ महीनों में आदिल के संपर्क में थे। फोन काल रिकार्ड से कई संदिग्ध नंबर सामने आए हैं, जिनकी लोकेशन बार्डर क्षेत्र में पाई गई है।
पंजाब पुलिस कर रही आदिल के करीबियों से पूछताछ : पंजाब पुलिस ने उन सभी युवकों को पूछताछ के लिए उठाया है, जो पिछले कई महीनों में आदिल के संपर्क में आए थे। कुछ लोगों से विस्फोटक सामग्री सप्लाई की आशंका पर पूछताछ चल रही है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि पूरे नेटवर्क का राजफाश होने में अब ज्यादा समय नहीं लगेगा। इसके अलावा जांच एजेंसियां यह भी पता लगा रही हैं कि क्या आदिल ने सहारनपुर या आसपास के अन्य जिलों में भी कोई लिंक तैयार किया था। मोबाइल से मिले डेटा और बैंकिंग विवरण की गहन जांच चल रही है।
इंटरनेट मीडिया पर अलगाववाद संबंधी कंटेंट डालता था डा. आदिल : फेमस हास्पिटल के संचालक डा. मनोज मिश्रा ने बताया कि डा. आदिल के पकड़े जाने के बाद उन्होंने उसके स्वजन से संपर्क करने का प्रयास किया था। डा. आदिल के दोनों भाइयों का नंबर स्विचआफ मिलने पर उन्होंने जैसे-तैसे उसके चाचा का नंबर लेकर बात की थी। उसके चाचा ने बताया था कि डा. आदिल इंटरनेट मीडिया पर अलगाववाद के समर्थन में कंटेंट डालता था। डा. मनोज मिश्रा ने बताया कि कश्मीर पुलिस उनसे कई बार पूछताछ कर चुकी है। अस्पताल प्रबंधन जांच में कश्मीर पुलिस को सहयोग कर रहा है।
कश्मीर भागने की फिराक में था डा. आदिल, साथी से कहा था सरसावा छोड़ने को
जैश-ए-मोहम्मद के सफेद पोश माड्यूल डा. आदिल को पकड़े जाने का आभास हो गया था। पकड़े जाने से पहले वह कश्मीर भागने की फिराक में था। उसने फेमस हास्पिटल में ही उसके साथ काम करने वाले डा. बाबर से उसे सरसावा छोड़कर आने को कहा था। मां की बीमारी का बहाना बनाकर वह सरसावा से चंडीगढ़ होते हुए श्रीनगर जाने की तैयारी में था, इसी बीच पांच नवंबर को ही श्रीनगर पुलिस और एटीएस ने अंबाला रोड से उसे गिरफ्तार कर लिया था। |