deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

Aaj ka Panchang 17 November 2025: आज किया जा रहा है सोम प्रदोष व्रत, यहां पढ़ें शुभ-अशुभ योग

Chikheang 2025-11-17 10:37:18 views 768

  

Aaj ka Panchang 17 November 2025: सोम प्रदोष व्रत के दिन कैसे करें महादेव की पूजा  



आनंद सागर पाठक, एस्ट्रोपत्री। आज यानी 17 नवंबर को मार्गशीर्ष (Margashirsha Month 2025) माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि है। इस तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है। सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का खास महत्व है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस व्रत को करने से साधकों को शुभ फल की प्राप्ति होती है और सभी भय दूर होते हैं। सोम प्रदोष व्रत (Som Pradosh Vrat 2025) के दिन योग का निर्माण भी हो रहा है। ऐसे में आइए जानते हैं आज का पंचांग (Aaj ka Panchang 17 November 2025) के बारे में। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

  

तिथि: कृष्ण त्रयोदशी
मास पूर्णिमांत: मार्गशीर्ष
दिन: सोमवार
संवत्: 2082

तिथि: त्रयोदशी- पूर्ण रात्रि
योग: प्रीति प्रातः 07 बजकर 23 मिनट तक
करण: गरज सायं 05 बजकर 58 मिनट तक
करण: वणिज- पूर्ण रात्रि
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय


सूर्योदय: प्रातः 06 बजकर 45 मिनट पर
सूर्यास्त: सायं 05 बजकर 27 मिनट पर
चंद्रोदय: 18 नवंबर को प्रातः 04 बजकर 56 मिनट पर
चंद्रास्त: दोपहर 03 बजकर 32 मिनट पर

सूर्य राशि: तुला
पक्ष: कृष्ण
आज के शुभ मुहूर्त


अभिजीत मुहूर्त: प्रातः 11 बजकर 45 मिनट से दोपहर 12 बजकर 27 मिनट तक
अमृत काल: रात्रि 09 बजकर 52 मिनट से रात्रि 11 बजकर 39 मिनट तक
आज के अशुभ समय


राहुकाल: प्रातः 08 बजकर 05 मिनट से प्रातः 09 बजकर 26 मिनट तक
गुलिकाल: दोपहर 01 बजकर 26 मिनट से दोपहर 02 बजकर 46 मिनट तक
यमगण्ड: प्रातः 10 बजकर 46 मिनट से दोपहर 12 बजकर 06 मिनट तक
आज का नक्षत्र


आज चंद्रदेव चित्रा नक्षत्र में रहेंगे।
चित्रा नक्षत्र: 18 नवंबर को प्रातः 05 बजकर 01 मिनट तक
सामान्य विशेषताएं: बुद्धिमान, दृढ़ इच्छाशक्ति वाले, व्यावहारिक, संवेदनशील, सहजज्ञान युक्त, साहसी, ऊर्जावान, चिड़चिड़े, आकर्षक आकृति, मोहक नेत्र और वस्त्र-आभूषणों के शौकीन
नक्षत्र स्वामी: मंगल देव
राशि स्वामी: बुध देव और शुक्र देव
देवता: त्वष्टा (सृष्टि के देवता)
प्रतीक: रत्न
सोम प्रदोष व्रत का धार्मिक महत्व


सोमवार को आने वाला प्रदोष व्रत सोम प्रदोष कहलाता है और इसे भगवान शिव व माता पार्वती की कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। सूर्यास्त के बाद के प्रदोष काल में शिवपूजन करने से विशेष पुण्य मिलता है। इस व्रत को श्रद्धा और संयम से करने पर मनोकामनाएं पूर्ण होने, स्वास्थ्य लाभ और मानसिक शांति की प्राप्ति का वर्णन मिलता है। व्रती दिनभर संयम रखते हैं और संध्या समय शिवलिंग पर जल, दूध, बिल्वपत्र व धतूरा अर्पित करते हैं। “ॐ नमः शिवाय” का जप अत्यंत फलदायी माना गया है। सोम प्रदोष से चंद्रमा की कृपा भी मिलती है, जिससे मन शांत होता है। दान-पुण्य, गौ-सेवा और जरूरतमंदों की सहायता से व्रत का फल कई गुना बढ़ जाता है।
सोम प्रदोष व्रत विधि

  • प्रातः जल्दी उठकर स्नान करें और शिव-पार्वती का स्मरण करें।
  • व्रत रखने का संकल्प लें और दिनभर सात्त्विकता व संयम बनाए रखें।
  • पूरे दिन फलाहार या निर्जल व्रत किया जाता है (शक्ति अनुसार)।
  • संध्या के समय पुनः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें।
  • प्रदोष काल (सूर्यास्त के बाद लगभग 1.5 घंटे के भीतर) में पूजा शुरू करें।
  • शिवलिंग पर जल, दूध, शहद, गंगाजल, दही आदि से अभिषेक करें।
  • बिल्वपत्र, धतूरा, चंदन, अक्षत और पुष्प अर्पित करें।
  • दीप जलाकर “ॐ नमः शिवाय” और “महामृत्युंजय मंत्र” का जप करें।
  • शिव-पार्वती की आरती करें और प्रदोष व्रत कथा सुनें/पढ़ें।
  • व्रत का समापन रात में प्रसाद ग्रहण कर किया जाता है।
  • अवसर हो तो दान-पुण्य, गौ-सेवा या जरूरतमंदों की सहायता अवश्य करें।


यह भी पढ़ें- Som Pradosh Vrat पर पूजा के समय करें चंद्र देव के नामों का जप, मानसिक तनाव से मिलेगा छुटकारा

यह भी पढ़ें- Pradosh Vrat 2025 Date: किस दिन है प्रदोष व्रत? यहां नोट करें सही तिथि और पूजा का शुभ समय

यह दैनिक पंचांग Astropatri.com के सौजन्य से प्रस्तुत है. सुझाव व प्रतिक्रियाओं के लिए hello@astropatri.com पर ईमेल करें।
like (0)
ChikheangForum Veteran

Post a reply

loginto write comments

Explore interesting content

Chikheang

He hasn't introduced himself yet.

310K

Threads

0

Posts

1110K

Credits

Forum Veteran

Credits
116356