हसनपुर में धान खरीद को लेकर किसानों ने लगाया जाम
जागरण संवाददाता, अमरोहा। धान खरीद को लेकर किसानों ने पहले मंडी में पहुंचकर हंगामा किया तथा उसके बाद अमरोहा अड्डा पर जाम लगा दिया है। किसानों का कहना है कि पिछले एक महीने से धान की फसल की कटाई हो रही है लेकिन, सरकार ने अभी तक धान क्रय केंद्र चालू नहीं किए हैं, जिससे स्पष्ट है कि सरकार किसानों के धान की खरीद करने से बच रही है, जबकि प्राइवेट व्यापारी किसानों के धान की खरीद औने-पौने भाव में कर रहे हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
भारतीय किसान यूनियन भीमराव आंबेडकर के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. दिग्विजय भाटी के नेतृत्व में मंगलवार सुबह 10:30 बजे से किसानों ने हसनपुर में अमरोहा अड्डा पर जाम लगा रखा है। उधर, बड़ी तादात में हसनपुर मंडी समिति के अंदर और बाहर धान से भरे हुए ट्रैक्टर ट्राली खड़े हुए हैं। इस अवसर पर रूम सिंह, मंथन सिंह, सोनू गुर्जर, अक्की कसाना, अशोक कसाना, दीप कुमार, कौशिक कुमार, कनिष्क कुमार आदि मौजूद रहे।
आज चालू हो जाएंगे सरकारी धान क्रय केंद्र
सरकार द्वारा धान की खरीद पहली अक्टूबर से शुरू की जानी प्रस्तावित है। सरकार ने कामन प्रजाति के धान का भाव 2369 तथा ए ग्रेड प्रजातियों का भाव 2389 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया है। जबकि, प्राइवेट व्यापारी 1600 से लेकर 2200 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीद रहे हैं। एसडीएम पुष्कर नाथ चौधरी ने बताया कि एक अक्टूबर से धान क्रय केंद्र शुरू हो जाएंगे और किसानों का सभी धान खरीद कर बंद होंगे।Bengaluru news, Bengaluru crime, Bengaluru crime news, Bengaluru police, Zepto delivery rider, knife attack in Bengaluru
मंडी के बाहर जाम रहने से आढ़त तक नहीं पहुंच रही सब्जी
मंडी समिति के अंदर और बाहर धान के ट्रैक्टर ट्रालियों के खड़े होने की वजह से किसान अपनी सब्जी लेकर मंडी समिति के अंदर आढ़तों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। जिसकी वजह से सब्जी खरीदने वाले आढ़ती और सब्जी लेकर आने वाले किसान दोनों परेशान हैं।
बरसात ठीक होने की वजह से इस बार हसनपुर के गंगा के खादर में धान की बंपर पैदावार हुई है। किसान अपने धान बेचने के लिए मंडी समिति पहुंच रहे हैं। मंडी के अंदर और बाहर अव्यवस्थित ट्रैक्टर खड़े होने की वजह से प्रतिदिन सुबह के समय जाम लग जाता है।
खास बात यह है कि सुबह में ही किसान अपनी सब्जी बेचने के लिए मंडी आते हैं। आढ़त तक सब्जी नहीं पहुंचने की वजह से दुकानदार हाथ पर हाथ रखे बैठे रहते हैं। वहीं, सब्जी लेकर आने वाले किसानों को भी सब्जी का उचित दाम नहीं मिल पा रहा है।
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