नवजात शिशु (प्रतीकात्मक चित्र)
डिजिटल डेस्क, इंदौर। मप्र के रतलाम में जिला अस्पताल के मातृ एवं शिशु चिकित्सालय (MCH) में प्रसव के दौरान डाक्टर की लापरवाही से नवजात शिशु की जान पर बन आई। प्रसव के दौरान शिशु की आंख के नीचे कैंची लगने से घाव हो गया और उसे दो टांके लगाने पड़े। स्वजन को इसकी जानकारी भी नहीं दी गई और शिशु को गंभीर बताकर आईएनसीसीयू में रखा दिया गया। तीन दिन बाद जानकारी होने पर स्वजन ने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की। अब इस मामले में सिविल सर्जन ने तीन सदस्यों की जांच टीम गठित की है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अस्पताल ने छुपाई घटना
जानकारी के मुताबिक उज्जैन जिले के बड़नगर के ग्राम बरड़िया निवासी संगीता सोलंकी को प्रसव के लिए MCH में भर्ती कराया गया था। नौ नवंबर को संगीता ने बालक को जन्म दिया। गायनेकोलाजिस्ट डा. सरिता खंडेलवाल ने प्रसव कराया। इसी दौरान लापरवाही के कारण नवजात शिशु की आंख के नीचे कैंची लग गई। इससे घाव होने पर तत्काल दो टांके लिए गए। इसके बाद स्वजन से घटना छुपाने के लिए शिशु को गहन चिकित्सा यूनिट में रखा गया और तीन दिन बाद जानकारी दी।
स्वजन पर बनाया दबाव
सीएम हेल्पलाइन में शिकायत करने पर स्टाफ द्वारा शिकायत वापस लेने के लिए दबाव बनाया। रविवार को घटना से जुड़ी जानकारी इंटरनेट मीडिया पर बहुप्रसारित होने पर प्रसूता की छुट्टी कर दी गई। मामले में संगीता के स्वजन दरबार सिंह सोलंकी ने बताया कि शिकायत की थी, रविवार को छुट्टी दे दी गई है। अब आगे कुछ नहीं कहना।
जानकारी मिलने पर मामले में कलेक्टर मिशा सिंह ने भी जांच के लिए सिविल सर्जन को निर्देशित किया है। सिविल सर्जन डा. एमएस सागर ने बताया कि तीन सदस्यों की जांच टीम गठित की है। कारणों का पता लगाने के बाद कार्रवाई होगी। |