एम्स दिव्यांग महासंघ ने नई भर्ती नीति रद्द न करने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। एम्स दिव्यांग महासंघ ने एम्स प्रबंधन द्वारा नई भर्ती नीति को निरस्त न करने पर आंदोलन छेड़ने की धमकी दी है। महासंघ के अध्यक्ष एसडी चौहान ने लिखित बयान जारी कर कहा है कि नई भर्ती नीति दिव्यांगों के हित में नहीं है। महासंघ की ओर से 14 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने नोटिस जारी किया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अदालत ने चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है और मामले को स्थगन आवेदन पर विचार के लिए सूचीबद्ध किया है। अध्यक्ष एसडी चौहान ने बताया कि इस संबंध में उन्होंने एम्स निदेशक डॉ. श्रीनिवासन को पत्र लिखकर 30 अक्टूबर, 2025 की भर्ती अधिसूचना को तत्काल निरस्त करने की मांग की है, क्योंकि यह नई नीति दिव्यांगों के लिए आरक्षित पदों को समाप्त करती है, जो दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 का उल्लंघन है।
उन्होंने आरोप लगाया कि एम्स प्रशासन जानबूझकर दिव्यांगों के हितों की अनदेखी कर रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर मांगें पूरी नहीं हुईं तो देशव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा।
फेडरेशन की मांगें
- नई भर्ती नीति निरस्त करें
- दिव्यांगों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित करें
- एम्स प्रशासन की मनमानी पर रोक सुनिश्चित करें।
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