deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

क्या है रोबोटिक सैनिक? DRDO तैयार कर रहा युद्ध के लिए खास हथियार; दुश्मनों की अब खैर नहीं..._deltin51

deltin33 2025-10-1 00:36:33 views 1065

  DRDO तैयार कर रहा युद्ध के लिए खास हथियार (फाइल फोटो)





डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत की रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) दिन-प्रतिदिन नई तकनीकों पर काम कर रहा है। इसमें रोबोटिक सिस्टम, ऑटोमेटिक उपकरण और एआई शामिल हैं।

इन तकनीकों का उद्देश्य सैनिकों की सुरक्षा बढ़ाना खतरनाक माहौल में नुकसान कम से कम और युद्ध क्षेत्र में बेहतर निर्णय क्षमता हासिल करना है। डीआरडीओ द्वारा एआई-आधारित नियंत्रण एवं रक्षा प्रणालियां विकसित की जा रही हैं। आईए जानते हैं भविष्य में दुश्मन देश से लड़ाई की तैयारी क्या है? विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें


डीआरडीओ ह्यूमनोइड/ऑटोनोमस रोबोट्स के किन प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहा है?

डीआरडीओ के पुणे स्थित रिसर्च एंड डेवलपमेंट इस्टेब्लिशमेंट (इंजीनियर्स) ने एक ह्यूमनोइड रोबोट विकसित करने की शुरुआत की है। यह खतरनाक मिशनों में सैनिकों को जोखिम से बचाएगा। इसके ऊपरी और निचले हिस्से के प्रोटोटाइप तैयार हो चुके हैं। यह रोबोट खतरनाक वस्तुओं को संभालने, अवरोधों हटाने, दरवाजे खोलने बंद सकेगा। दिन और रात दोनों तरह के हालात में काम करने के लिए डिज़ाइन हो रहा है।

meerut-city-general,Meerut News, Ganga Expressway project,,Expressway security wall,Prayagraj Expressway,Meerut-Badaun section,Access-controlled highway,Construction progress,Project deadline,National highway projects, UP News, मेरठ समाचार ,Uttar Pradesh news   
AI-आधारित हथियार क्या है, जो डीआरडीओ या अन्य भारतीय संस्थाएं विकसित कर रही हैं?

  • गन ऑन ड्रोनः डीआरडीओ ने ऐसी ड्रोन प्रणाली विकसित की है, जहां ड्रोन पर लगी बंदूक लक्ष्य की पहचान कर कमांड सेंटर से प्राप्त आदेश के बाद निशाना साध सकती है।
  • एक्सोस्केलेटन सूटः ऐसी शक्ति बढ़ाने वाली पोशाक, जो सैनिकों की थकान कम करेगी और उनकी काम करने की अवधि को बढ़ाएगी। यह अभी विकास के चरण में है।
  • सेंटर फॉर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड रोबोटिक्स के प्रोजेक्ट्स: इंटेलिजेंट अनमैन्ड सिस्टम्स, कंप्यूटर विजन, पाथ-प्लानिंग, स्लैम यानी सिमुल्टेनिअस लोकलाइजेशन एंड मैपिंग, टैक्टिकल सेंसर नेटवर्क, स्वाम रोबोटिक सिस्टम।
  • दक्षः बम निष्क्रिय करने वाला रोबोट, जो खतरनाक वस्तुओं की पहचान और उन्हें सुरक्षित तरीके से निष्क्रिय करने का काम करता है।

ये तकनीक कब तक तैयार हो सकती है और भारतीय सेना में कब तक परिचालन में आ सकती है?

ह्यूमनोइड रोबोट प्रोजेक्ट का लक्ष्य है 2027 तक महत्वपूर्ण परीक्षण और विकास पूरा होना। तकनीकी चुनौतियां, विश्वसनीयता, नियंत्रण और नैतिक / कानूनी दिशा-निर्देश आदि के कारण अभी सेना में शामिल करने में देरी होगी।


इन एआई-हथियारों और रोबोट सैनिकों से सेना और समाज को क्या लाभ होंगे?

सैनिकों को सीधे खतरे से बचाया जा सकेगा। जैसे, आतंकवाद, बम निष्क्रिय करने, खतरनाक इलाके में गश्त में उपयोगी होंगे। मनुष्यों की जान बचाने वाली मिशन में जोखिम कम होगा। सतर्कता और निर्णय लेने की गति बढ़ेगी। एआई-सेंसर्स, स्वचालित लक्ष्य पहचान आदि से निगरानी, गश्त, सीमा सुरक्षा जैसे रोजमर्रा के कामों में रोबोटिक स्वायत्त प्रणालियां सहायक बनेंगी।


क्या जोखिम या चिंताए हैं?

एआई गलत जानकारी दे सकता है या सेंसर्स/डेटा फ्यूजन में त्रुटियां हो सकती हैं। मनुष्यता और नियंत्रण का सवाल रहेगा। मानव नियंत्रण कितना हो, गलती होने पर जिम्मेदारी किसकी होगी। उच्च लागत प्रशिक्षण, मरम्मत, डेटा संचालन आदि। उच्च लागत, प्रशिक्षण की चुनौतियां भी।

\“दिल दुख से भरा है, हमने कुछ भी गलत नहीं किया\“, भगदड़ पर एक्टर विजय ने क्या-क्या कहा?

like (0)
deltin33administrator

Post a reply

loginto write comments

Explore interesting content

deltin33

He hasn't introduced himself yet.

210K

Threads

0

Posts

710K

Credits

administrator

Credits
71927