मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने राज्य के दर्जे की बहाली के वादे को पूरा करने की मांग की।
राज्य ब्यूरो, जागरण, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग को लेकर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है।
उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर कोई समझौता नहीं हो सकता और वह भाजपा के साथ गठबंधन करने के बजाय इस्तीफा देने को तैयार हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वह जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस दिलाने के लिए एक बड़े आंदोलन को तैयार हैं, लेकिन घाटी में फिर से खून-खराबा नहीं होने देंगे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
उमर अब्दुल्ला ने लेह में हुई हिंसा को केंद्र सरकार की विफलता करार दिया और कहा कि सरकार को जम्मू-कश्मीर की जनता के साथ किए गए राज्य के दर्जे की बहाली के वादे को जल्द पूरा करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि वह राजनीतिक और शांतिपूर्ण तरीके से संघर्ष करेंगे, लेकिन कश्मीर को फिर से अशांति और खून खराबे की तरफ नहीं जाने देंगे।
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आज दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में एक जनसभा के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि अगर कोई मुझसे यह कहे कि भाजपा के साथ गठबंधन के बाद राज्य का दर्जा मिल सकता है तो यह वही जानें, लेकिन मैं भाजपा के साथ गठजोड़ करने, उसे सत्ता में जाने के बजाय इस्तीफा देने को तैयार हूं। मैं कोई समझौता नहीं करूंगा।
हिंसा किसी का समाधान नहीं
उमर ने कहा कि हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। मैं जम्मू कश्मीर को उसका हक दिलान के लिए राजनीतिक और शांतिपूर्ण तरीके से संघर्ष करूंगा। लेकिन मैं कश्मीर को फिर से अशांति और खून खराबे की तरफ नहीं जाने दूंगा। हमारे लोग पहले ही बहुत कुछ सह चुके हैं। लेह में जो हुआ, वह केंद्र सरकार की विफलता है। सरकार को चाहिए कि वह जम्मू कश्मीर की जनता के साथ किए गए राज्य के दर्जे की बहाली के वादे को जल्द पूरा करे।
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मैं नहीं चाहता कोई अपना हिंसा में गंवाए
राज्य के दर्जे की मांग के समर्थन में प्रदर्शन-हड़ताल के आयोजन की संभावना पर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने लद्दाख का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि वहां प्रदर्शन शुरु होने के एक घंटे के भीतर ही गोलीबारी शुरु हो गई थी। कश्मीर में एक घंटा नहीं, 10 मिनट से भी कम समय लेगा गोलियां बरसने में। मैं नहीं चाहता कि हमारे लोग फिर से दुखी हों, किसी अपने को हिंसा में गंवाए।
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राज्य का दर्जा हमारी पहचान का विषय
राज्य का दर्जा हमारे लिए सरकार चलाने से कहीं ज्यादा हमारी पहचान का विषय है। राज्य का दर्जा मिलने से सम्मान मिलता है। हम अपने सिद्धांतों से समझौता किए बिना इसके लिए अपना संघर्ष जारी रखेंगे।
यह पूछे जाने पर कि क्या वह राज्य के दर्जे के लिए भाजपा के साथ गठजोड़ करेंगे तो उन्होंने इंकार करते हुए कहा कि अगर भाजपा को सरकार में लाने से राज्य का दर्जा वापस मिल सकता है, तो मैं आज ही इस्तीफ़ा देने को तैयार हूं। कोई और सरकार बनाए, लेकिन मैं कभी भाजपा से समझौता नहीं करूंगा।
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भाजपा के साथ समझौते का सवाल ही नहीं
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव के बाद भी हमारे पास भाजपा के साथ गठजोड़ का विकल्प था। जब पीडीपी-भाजपा सरकार भंग हुई तो उस समय भी हमारे पास भाजपा के साथ जाने का विकल्प था,लेकिन जम्मू-कश्मीर की सत्ता तक पहुंचने से रोकने के लिए उसके साथ कोई समझौता नहीं किया।
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