चुनाव परणिाम की घोषणा के बाद झामुमो प्रत्याशी सोमेश सोरेन को माला पहनाकर स्वागत करते पार्टी कार्यकर्ता।
जासं, जमशेदपुर। जमशेदपुर को-आपरेटिव कालेज का परिसर मंगलवार को एक ऐसे अनूठे उत्सव का साक्षी बना, जहां कैलेंडर की कोई तिथि तो नहीं थी, पर फिजां में होली का गुलाल और दीपावली का धूम-धड़ाका एक साथ घुल गया था।
यह घाटशिला उपचुनाव में झामुमो की विजय का जश्न था, जो भावनाओं के एक ऐसे महासागर में तब्दील हो गया, जिसकी हर लहर उल्लास और उमंग से सराबोर थी।
जैसे ही जीत की घोषणा हुई, ढोल-नगाड़ों की गगनभेदी थाप पर सबसे पहले नारी-शक्ति थिरक उठी। जिला परिषद अध्यक्ष बारी मुर्मू और पूर्व सांसद सुमन महतो ने जब नृत्य का मोर्चा संभाला, तो लगा मानो विजय स्वयं उनके रूप में झूम रही हो। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
एक-दूसरे के गालों पर गुलाल मलतीं महिला कार्यकर्ताएं रंगों के एक ऐसे इंद्रधनुष का निर्माण कर रही थीं, जिसका हर रंग सिर्फ और सिर्फ जीत को समर्पित था। उनके चेहरों पर विजय का ऐसा आलोक था जो हर रंग को और भी चटक बना रहा था।
जब नारी-शक्ति उल्लास के इस सागर में थिरक रही थी, तो पुरुष कार्यकर्ता भी स्वयं को रोक न सके और यह जश्न एक सामूहिक उत्सव में परिवर्तित हो गया।
विजयी नायक संग सेल्फी की होड़
इस जश्न के केंद्रबिंदु थे विजयी नायक सोमेश सोरेन। विजयी मुद्रा में खड़े सोमेश के साथ एक तस्वीर खिंचवाने के लिए कार्यकर्ताओं में अभूतपूर्व बेकरारी थी। हर कोई इस अविस्मरणीय पल को अपने मोबाइल में कैद कर लेने के लिए आतुर था।
पटाखों का शोर और ढोल की गूंज के बीच कार्यकर्ताओं का अपने नेता को घेरकर सेल्फी लेना, उस अपनेपन और विश्वास का प्रतीक था, जो इस जीत की नींव बना। यह केवल एक नेता की जीत का जश्न नहीं, बल्कि सामूहिक उल्लास की एक ऐसी जीवंत तस्वीर थी, जो घाटशिला के चुनावी इतिहास में सदैव के लिए अंकित हो गई।
कोऑपरेटवि कॉलेज में मतगणना स्थल के बाहर पटाखे फोडकर जश्न मनाते झामुमो कार्यकर्ता। |