जेल में रहकर भी अनंत सिंह ने लहराया परचम
जागरण संवाददाता, पटना। बिहार की सबसे चर्चित और हाई-प्रोफाइल विधानसभा सीट मोकामा ने एक बार फिर वही फैसला सुनाया, जिसकी गूंज पूरे प्रदेश में सुनाई दे रही है अनंत सिंह की जीत।
जेडीयू उम्मीदवार अनंत कुमार सिंह ने अपने नाम के अनुरूप इस बार भी जीत का अनंत अंतर दर्ज किया है। चुनाव आयोग के अंतिम नतीजों के मुताबिक, अनंत सिंह ने 91,416 वोट हासिल किए और 28,206 मतों के विशाल अंतर से RJD प्रत्याशी वीणा देवी को हरा दिया। यह मतों का अंतर सिर्फ जीत नहीं, बल्कि मोकामा की राजनीतिक पसंद का मजबूत संदेश है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
राजद की वीणा देवी को 63,210 मत मिले, जबकि जन सुराज पार्टी के प्रियदर्शी पीयूष 19,365 मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहे। चुनाव में 4,609 मतदाताओं ने NOTA का विकल्प चुना, जो कि कुल मतों में एक उल्लेखनीय संख्या है।
दिलचस्प बात यह रही कि पूरा चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ और मतगणना के दौरान किसी भी तरह की अनियमितता की शिकायत सामने नहीं आई। इससे एक बार फिर मोकामा की राजनीतिक परिपक्वता और जागरूकता का प्रमाण मिलता है।
अनंत सिंह की जीत कई मायनों में खास
- बेउर जेल में बंद रहने के बावजूद मतदाताओं ने अनंत सिंह पर भरोसा जताया
- जेडीयू के लिए यह जीत राजनीतिक मजबूती का बड़ा संकेत
- राजद की वीणा देवी को बड़े अंतर से मिली हार महागठबंधन के लिए झटका
- पिछले चुनावों की तरह इस बार भी मोकामा ने \“अनंत फैक्टर\“ को चुनकर सत्ता तक मजबूत संदेश भेजा
मोकामा की राजनीति में अनंत सिंह का प्रभाव पहले से ही गहरा रहा है, लेकिन इस बार की जीत ने उन्हें और भी बुलंद स्थान दिलाया है।
यह नतीजा सिर्फ गणित नहीं, बल्कि मोकामा के जनमत की एक स्पष्ट घोषणा है, जेल की दीवारों से परे अनंत सिंह की पकड़ आज भी उतनी ही मजबूत है।
मोकामा विधानसभा
| उम्मीदवार | पार्टीप्राप्त | मत | | अनंत कुमार सिंह | जेडीयू | 91,416 | | वीणा देवी | राजद | 63,210 | | प्रियदर्शी पीयूष | जनसुराज | 19,365 | | NOTA | | 4,609 |
मोकामा का फैसला साफ है, यहां की जनता ने एक बार फिर वही नाम चुना, जो पिछले कई वर्षों से इस इलाके की पहचान बन चुका है।
बाहुबली बनाम बाहुबली की हाई-प्रोफाइल टक्कर
पटना जिले की मोकामा सीट, जो मुंगेर लोकसभा क्षेत्र में आती है, हमेशा से बाहुबली राजनीति का केंद्र रही है। यहां जदयू उम्मीदवार अनंत कुमार सिंह का गहरा प्रभाव रहा है, जिन्होंने 2005, 2010, 2015 और 2020 में जीत दर्ज की।
2022 में सजा के बाद सीट खाली हुई तो उनकी पत्नी नीलम देवी विजयी हुईं। इस बार मुकाबला अनंत सिंह और राजद उम्मीदवार वीणा देवी के बीच है, जो पूर्व सांसद सूरजभान सिंह की पत्नी हैं।
जातीय समीकरण, बाहुबल, स्थानीय वादे और करोड़ों की संपत्तियों का खुलासा इस चुनाव को और हाई-प्रोफाइल बनाता है। |