दिल्ली में बम धमाकों के बाद हाई अलर्ट पर, हापुड़ पुलिस ने पिलखुवा में दो अलग-अलग घटनाओं में तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया है।
जागरण संवाददाता, हापुड़। दिल्ली में हुए बम धमाकों के बाद सुरक्षा एजेंसियों के हाई अलर्ट पर होने के बीच हापुड़ के पिलखुवा थाना पुलिस ने दो अलग-अलग घटनाओं में तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। पहली घटना में दो संदिग्धों के पास से ढाई किलो विस्फोटक सामग्री, सल्फर पाउडर बरामद किया गया। दूसरी घटना में एक संदिग्ध के पास से 38 किलो प्रतिबंधित हाइड्रोफ्लोरिक एसिड बरामद किया गया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
सल्फर को आवारा पशुओं को भगाने के लिए खेतों में लाया गया था, जबकि हाइड्रोफ्लोरिक एसिड को कांच साफ करने की आड़ में लाया गया था। विस्फोटक अधिनियम 1908 और उत्तर प्रदेश विष नियंत्रण नियम 2015 के तहत मामले दर्ज किए गए हैं। बरामद सामग्री के नमूने फोरेंसिक जांच के लिए भेजे गए हैं। पुलिस अब इनके अवैध परिवहन और तस्करी के पीछे के बड़े नेटवर्क का पता लगाने में जुटी है।
ढाई किलो गंधक बरामद
पिलखुवा थाने के प्रभारी निरीक्षक श्योपाल सिंह ने बताया कि मंगलवार तड़के करीब ढाई बजे आरकेजी स्कूल की ओर से दो युवक कंधे पर बैग टांगे तेज़ी से आते दिखाई दिए। पुलिस ने उन्हें रुकने का इशारा किया, लेकिन वे विपरीत दिशा में भागने लगे। शक होने पर पुलिस टीम ने तुरंत घेराबंदी कर उन्हें पकड़ लिया। सीतापुर जिले के पिसावा थाना क्षेत्र के कपसा गाँव निवासी शोभित कुमार के पास से डेढ़ किलो और विजेंद्र सिंह के पास से एक किलो गंधक बरामद किया गया।
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि यह विस्फोटक सामग्री हरियाणा के हिसार जिले की एक केमिकल कंपनी से खरीदी गई थी। इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से ग्रामीण इलाकों में खेतों से जानवरों को भगाने के लिए छोटे विस्फोट करने में किया जाता है। इसे अन्य सामग्रियों के साथ मिलाकर पटाखे या बम जैसे उपकरण भी बनाए जाते हैं। आरोपियों के पास से कोई लाइसेंस या अन्य वैध दस्तावेज नहीं मिले। हिसार की कंपनी के रिकॉर्ड और उनके पिछले इतिहास की जाँच की जा रही है। /B----/B
प्रतिबंधित तेजाब के साथ पकड़ा गया
थाना प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि सोमवार दोपहर करीब 2 बजे पुलिस ने हिंडालपुर बॉम्बे पुलिया से करीब 50 मीटर दूर एक युवक को प्लास्टिक के डिब्बों के साथ खड़ा देखा। जब पुलिस उसके पास पहुँची और उससे पूछताछ शुरू की, तो आरोपी घबरा गया। उसने डिब्बों पर लिखे “हाइड्रोफ्लोरिक एसिड“ नाम को छिपाने की कोशिश की। तलाशी में प्लास्टिक के डिब्बों में कुल 38 किलोग्राम प्रतिबंधित तेज़ाब मिला।
गिरफ्तार आरोपी शोएब मुरादाबाद जिले के कांठ थाना क्षेत्र के उमरी कलां गाँव का रहने वाला है। पूछताछ में उसने बताया कि उसने कुछ घंटे पहले एक अज्ञात व्यक्ति से तेज़ाब खरीदा था और उसे ले जाने का इंतज़ार कर रहा था। शोएब ने शुरू में दावा किया कि यह पदार्थ शीशे की सफाई के लिए है।
हालाँकि, जब उससे उत्तर प्रदेश सरकार के 2015 के विष नियंत्रण नियमों के तहत अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) माँगा गया, तो वह इसे उपलब्ध नहीं करा सका। विशेषज्ञों के अनुसार, हाइड्रोफ्लोरिक एसिड एक बेहद खतरनाक रसायन है, जिसे 2014 की राष्ट्रीय विष (एसिड) सूची में छठे नंबर पर सूचीबद्ध किया गया है। शोएब के मोबाइल फोन रिकॉर्ड और संपर्कों की जाँच करके आपूर्तिकर्ता का पता लगाने के प्रयास जारी हैं।
इस पदार्थ के खतरे और व्यापक पुलिस रणनीति
सल्फर पाउडर कृषि उपयोग के लिए प्रतीत होता है, लेकिन अनियंत्रित मात्रा में, इसके विस्फोटक गुण एक बड़ा खतरा पैदा कर सकते हैं, खासकर ग्रामीण इलाकों में जहाँ इसका दुरुपयोग आत्मघाती उपकरण बनाने के लिए किया जा सकता है। हाइड्रोफ्लोरिक एसिड के संपर्क में आना घातक हो सकता है। इससे त्वचा में गंभीर जलन, श्वसन संबंधी जटिलताएँ और यहाँ तक कि हड्डियों का विघटन भी हो सकता है। इसका अवैध व्यापार अक्सर अवैध विस्फोटक निर्माण, औद्योगिक दुर्घटनाओं या आपराधिक गतिविधियों से जुड़ा होता है।
जनता से अपील: सतर्क रहें और सूचना दें
एसपी ज्ञानंजय सिंह ने जनता से अपील की है कि अगर उन्हें कोई संदिग्ध गतिविधि दिखाई दे, जैसे कि रसायन ले जाते हुए अज्ञात वाहन या तेज़ गंध वाली सामग्री ले जाते हुए व्यक्ति, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। हम इस तरह की कार्रवाई के माध्यम से जिले को सुरक्षित बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। |