लीज रेंट का भुगतान न करने के कारण अप्पू घर संपत्ति को सील किया था। (सांकेतिक तस्वीर)
संवाद सहयोगी, नया गुरुग्राम। सेक्टर 29 स्थित अप्पू घर परियोजना के रियल एस्टेट आवंटियों के लिए लंबे समय से प्रतीक्षित समाधान का मार्ग अब साफ होता दिख रहा है। नेशनल कंपनी ला ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) ने 26 सितंबर को अपने आदेश में अप्पू घर की कंपनी इंटरनेशनल रिक्रिएशन एंड एम्यूजमेंट लिमिटेड (आइआरएएल) की लंबित समाधान प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का निर्देश दिया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
कुछ आवंटियों के अनुसार, न्यायाधिकरण ने हरि ग्लोबल एलएलपी द्वारा प्रस्तुत समाधान योजना के विरुद्ध लंबित सभी अपीलों को खारिज कर दिया है। अब योजना को रियल एस्टेट आवंटियों द्वारा मतदान के लिए रखा जाएगा। यह कदम उन लोगों के लिए नई उम्मीद लेकर आया है जिन्होंने अपने निवेश की वसूली के लिए कई साल इंतजार किया।
सालों से कानूनी चुनौतियों और आपत्तियों के कारण समाधान में देरी हुई थी, जिसे अब एनसीएलएटी ने समाप्त कर दिया है। कुछ बड़े बिल्डर जैसे एम3एम और भूटानी समूह भी इस प्रक्रिया में रुचि दिखा चुके थे लेकिन उनके प्रस्ताव कानूनी कारणों से अस्वीकार कर दिए गए।varanasi-city-durga-puja,Varanasi News,Varanasi Latest News,Varanasi News in Hindi,Varanasi Samachar,Varanasi News,Varanasi Latest News,Varanasi News in Hindi,Varanasi Samachar,Durga Puja Varanasi,Durga Puja Pandals Varanasi,Bengali Culture Varanasi,Idol Installations Varanasi,Varanasi Festival,Navratri Varanasi,वाराणसी टाप न्यूज,Varanasi top news,,Uttar Pradesh news
एचएसवीपी ने सितंबर 2022 में प्रबंधन द्वारा लीज रेंट का भुगतान न करने के कारण अप्पू घर संपत्ति को सील किया था। इसके बाद 13 मार्च 2024 को एनसीएलटी ने इस सीलिंग आदेश को रद करते हुए संपत्ति को डी-सील करने का निर्देश दिया।
इस परियोजना में लगभग 1200 आवंटियों ने अपनी जीवनभर की जमा पूंजी लगाई थी और वे आर्थिक एवं भावनात्मक संकट में थे। हरि ग्लोबल एलएलपी के प्रबंध भागीदार अरुण शर्मा ने पिछले छह वर्षों तक इस मामले को आगे बढ़ाया। उनके लगातार प्रयासों और टीम की सक्रियता से अब आवंटियों के लिए राहत की खबर आई है।
वरिष्ठ वकील डा. अभिषेक मनु सिंघवी ने हरि ग्लोबल की ओर से एनसीएलएटी में पेश होकर कानूनी गतिरोध समाप्त करने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि योजना सभी कानूनी आवश्यकताओं के अनुरूप है, लेकिन छह साल से लंबित रही। उन्होंने एनसीएलएटी को बताया कि आवंटियों ने पिछले 10 वर्षों से न्याय का इंतजार किया है।
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