त्रिशुल अभ्यास के दौरान दिखा भारतीय सेनाओं का संयुक्त दमखम (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पहलगाम हमले के बाद भारतीय सेना के तीनों अंगों ने संयुक्त रूप से ऑपरेशन सिंदूर चलाकर पाकिस्तान के भीतर आतंकी शिविरों को नष्ट किया था और पाक को धूल चटाते हुए अपना दमखम दिखाया था।
पिछले दिनों भारतीय सुरक्षा बलों ने राजस्थान, गुजरात और उत्तर अरब सागर में त्रि-सेवा अभ्यास त्रिशूल चलाया और धरती से लेकर आकाश तक की अपनी मारक क्षमता का जोरदार प्रदर्शन किया। एक रक्षा अधिकारी ने बताया कि त्रिशूल अभ्यास के दौरान इलेक्ट्रानिक वारफेयर, साइबर, ड्रोन, एंटी ड्रोन टेक्नालाजी के अलावा इंटेलिजेंस, सर्विलांस, एयर डिफेंस कंट्रोल जैसे विविध क्षेत्रों में सेनाओं की संयुक्त ताकत का अभ्यास किया गया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इस तरह का अभ्यास दर्शाता है कि हमारी सेनाएं जमीन, समुद्र और आसमान तीनों जगह समन्वय के साथ एक साथ काम करने में पूरी तरह सक्षम हैं। रक्षा अधिकारियों के अनुसार, इस संयुक्त अभ्यास में भारतीय नौसेना, भारतीय वायु सेना और भारतीय थल सेना के प्रमुख संसाधनों को शामिल किया गया।
कौन-कौन हुआ शामिल?
इसमें 20-25 सरफेश और सबसरफेश एसेट्स, वायु सेना के 40 से अधिक लड़ाकू विमानों, भारतीय सेना के 30,000 से अधिक जवान और सैन्य उपकरण शामिल हुए। यह अभ्यास तीन से सात नवंबर तक राजस्थान, गुजरात और उत्तर अरब सागर में आयोजित किया गया। बता दें कि नौसेना के एसेट्स में पोत, पनडुब्बियां, विमानवाहक पोत, फ्रिगेट , टारपीडो लांच और रिकवरी पोत, पनडुब्बी रोधी पोत आदि शामिल होते हैं।
इस अभ्यास में भारतीय तटरक्षक बल, बीएसएफ और अन्य केंद्रीय बलों की भागीदारी ने समन्वय को और मजबूत किया। साथ ही इस अभ्यास ने संयुक्तता, आत्मनिर्भरता और नवाचार का उदाहरण भी पेश किया। इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य सुरक्षा बलों के बीच एकीकरण लाना है।
खासकर ऐसे दौर में जबकि वैश्विक सुरक्षा ढांचा कठिन दौर से गुजर रहा है और दक्षिण एशिया में सुरक्षा स्थितियां और भी जटिल हैं। इसी तरह, भारतीय सेना ने रण और क्रीक क्षेत्र में अभ्यास ब्रह्म शिरा किया, इसमें तीनों सेनाओं, भारतीय तटरक्षक बल और बीएसएफ को नागरिक प्रशासन के साथ समन्वय में लाया गया।
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