भारतीय टीम के सामने सिर्फ जीत ही एक विकल्प
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। रामानंद सागर की रामायण। राम और रावण युद्ध से पहले की रात का प्रसंग। लंकापति रावण चिंता में घूमता और राम भी सीता के वियोग में उदास रहते हैं। इस प्रसंग की भावना को रवींद्र जैन ने अपनी आवाज और संगीत से जिस खूबसूरत तरह से पर्दे पर उतारा था वो आज एक बार फिर यथार्थ की तस्वीर पकड़े हुए है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
वो गीत था... यही रात अंतिम यही रात भारी
भारत के तमाम फैंस के लिए आज की रात भी भारी है। इस रात के बाद उसे एक फैसले का इंतजार है। रात बीतेगी तो सुबह रविवार से ही नजरें रात के आठ बजने का इंतजार करेंगी। करोड़ों लोग टीवी से चिपक जाएंगे जिसमें दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम से भारत और पाकिस्तान मैच का लाइव टेलीकास्ट आएगा।
बहुत बड़ा मैच
भारत और पाकिस्तान के बीच पहले भी मैच हुए। 2017 में चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल भी हुआ। उससे पहले 2007 टी20 वर्ल्ड कप का फाइनल भी हुआ, लेकिन इस बार जो भावनाएं उमड़ी हैं वो पहले देखने को नहीं मिली। पाकिस्तान से हार तो कभी भी बर्दाश्त नहीं थी और इस बार तो हार की सोच भी बर्दाश्त नहीं है। फैंस सिर्फ जीत चाहते हैं ताकि पाकिस्तान को फिर उदास, हताश देख सकें।
ये गुस्सा, ये माहौल पहलगाम हमले के बाद पनपा है जिसने हर मोर्चे पर पाकिस्तान को पटखने की आग को ज्वालामुखी में तब्दील कर दिया है। फैंस को सिर्फ चाहिए तो जीत क्योंकि हारे तो पाकिस्तान को जश्न का मौका मिलेगा और वो जिस बेहुदगी से अपनी आवाज, अपने जश्न, अपनी जीत का महिमामंडन करेगा वो पहलगाम के जख्मों पर नमक छिड़कने वाला होगा।
बेशर्म है पाकिस्तान
ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने पाकिस्तान को जमकर बेइज्जत किया। उसके आतंकी ठिकानों को बर्बाद कर दिया। उसके कई प्लेन गिराए। बावजूद इसके उसने अपने देश से लेकर संयुक्त राष्ट्र तक बड़ी बेशर्मी से ये बताया है कि जंग उसने जीती। भारत को उसने हराया। भारत के राफेल उसने गिराए। अगर एशिया कप का फाइनल वो जीत गया तो फिर इस जीत को ऐसे पेश करेगा मानों वो बना ही जीतने के लिए है, मानों भारत उससे कभी जीता ही नहीं।sahebganj-health,झारखंड, बरहेट, आदिम जनजाति, कैरोगोड़ा गांव, मौत का साया, रहस्यमयी बीमारी, 20 दिन तीन मौत, स्वास्थ्य विभाग बेखबर, डायरिया, उल्टी दस्त, झोलाछाप डॉक्टर, साहिबगंज, पहाड़िया जनजाति, सरकारी लापरवाही,Barehat, Primitive Tribe, Cairgora village, Shadow of death, Mysterious disease, 3 deaths 20 days, Health department unaware, Diarrhea outbreak, Vomiting and loose motion, Quack doctors, Sahibganj, Paharia tribe, Government negligence, Tribal village deaths,Jharkhand news
लेकिन बात सिर्फ पाकिस्तान के झूठे महिमामंडन की नहीं है। बात तो बदला लेने की है। बात तो पाकिस्तान को हर बार हर मोर्चे पर पस्त करने की है। बात तो पाकिस्तान को रुलाने की है। उसे हर उस मैदान में जीत से महरूम रखने की जहां उसका सामना भारत से हो।
फैंस इस बात को जानते हैं और इसलिए सोशल मीडिया से लेकर चाय की चौपाटियों तक ये चर्चा है कि ये मैच नहीं हार सकते। हार गए तो फिर पाकिस्तान को बल मिलेगा। इन्हीं फैंस के लिए आज की रात काफी भारी है। इस रात के बाद भारत के फैंस अगली रात देश की सड़कों पर निकलकर पाकिस्तान की हार का जश्न मनाना चाहते हैं, तिरंगा फहराना चाहते हैं। ठीक उसी तरह जिस तरह से टी20 वर्ल्ड कप-2024 जीतने के बाद किया था।
खिलाड़ी से उम्मीद
सूर्यकुमार यादव की टीम के सामने शायद अभी तक का सबसे बड़ा मैच है और खिलाड़ी भी पाकिस्तान को रत्ती भर एडवांटेज देने के मूड में नहीं है। उनके लिए ये रात बहुत-बहुत भारी है क्योंकि मैदान पर 140 करोड़ से ज्यादा जनता की उम्मीदों को सेहरा उन्हें पहनना है, प्रदर्शन उन्हें करना है और 22 अप्रैल का एक बार फिर मुंह तोड़ जवाब देना है।
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