पुरुषों और महिलाओं में कैंसर के अलग-अलग कारण।
मोहित पांडेय, चंडीगढ़। शहर में कैंसर विकराल रूप धारण करता जा रहा है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में कैंसर का खतरा तेजी से बढ़ा है। यह बात पीजीआई और चंडीगढ़ स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी की गई एनसीडी रजिस्ट्री की दूसरी रिपोर्ट में सामने आई है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई 2018 से दिसंबर 2021 के बीच दर्ज एनसीडी (गैर-संचारी रोग) मामलों में सबसे ज्यादा 62.9 प्रतिशत मामले कैंसर के रहे। वहीं, महिलाओं में स्तन कैंसर और पुरूषों में प्रोस्टेट कैंसर के सबसे अधिक मामले सामने आए है।
रिपोर्ट के अनुसार 35.3 प्रतिशत पुरुष, 48.8 महिलाएं कैंसर से जूझ रही। इसमें सबसे अधिक महिलाएं स्तन कैंसर जूझ रही है, जिसका प्रतिशत 36.3 प्रतिशत है। वहीं, पुरूषों में प्रोस्टेट कैंसर सबसे अधिक है, जो 11.75 प्रतिशत है।
पीजीआई के प्रोफेसर डाॅ. जेएस ठाकुर के अनुसार ने बताया कि पुरुषों और महिलाओं में कैंसर के अलग-अलग कारण है। महिलाओं में स्तन कैंसर का एक कारण देरी से शादी, बच्चों का लेट पैदा होना है। इसके साथ पुरुषों में शराब का सेवन, धूम्रपान कैंसर का प्रमुख कारण है।
45 -69 वर्ष की आयु में तेजी से बढ़ रहा कैंसर
रिपोर्ट के अनुसार 45-69 वर्ष की उम्र में महिलाओं व पुरुषों में कैंसर का खतरा सबसे तेजी से बढ़ रहा है। 45-69 वर्ष के 57.2 प्रतिशत पुरुष व 58.5 प्रतिशत महिलाएं कैंसर से जूझ रही है। कैंसर के मरीजों की मौत की संख्या का 35 से 40 प्रतिशत है।
चौथे स्टेज के मरीजों की मौत अधिक हो रही है। महिलाओं में स्तन कैंसर से 40 से 42 वर्ष की आयु में अधिक देखने को मिल रहा है। वहीं, पुरुषों में हेड एंड नेक व फेफड़ों कैंसर 50 से 60 वर्ष की उम्र में देखने को मिल रहा है।
इस उम्र में बढ़ रहा कैंसर का खतरा
आयु वर्ष ---- पुरुष %---------महिलाएं%
0-18 वर्ष ----3.9 -----------------2.7
19-44 वर्ष----12.9---------------19.8
45-69 वर्ष --57.2----------------58.5
70 वर्ष---- 26.21-----------------18.8
पुरुषों में पाया जा रहा कैंसर ------------महिलाओं में पाया जा रहा कैंसर
कैंसर का नाम -----प्रतिशत ------------ कैंसर का नाम -----------प्रतिशत
प्रोस्टेट कैंसर -------11.75 ---------------स्तन कैंसर ------------3.6.3
लंग कैंसर ------------8.93 -------------- ओवरी कैंसर ---------7.4
यूरिनरी ब्लैडर---------6.70-------------------सर्वाइकल कैंसर-----6.6
कोलन कैंसर---------4.71 एंडोमेट्रियल कैंसर ---6.1
जीभ का कैंसर -----4.31------------------पित्ताशय कैंसर॰-------4.1
लिवर कैंसर -------3.47----------------------- ब्रेन कैंसर ---------2.9
यह बन रहे कैंसर के कारण
-तंबाकू का सेवन
-धूम्रपान और शराब पीना- लंबे समय तक रेडिएशन के संपर्क में रहने
- आनुवांशिक दोष
- खराब पोषण
ये लक्षण दिखे तो हो जाएं सावधान
- -थकावट होना।
- शरीर में गांठ होना और त्वचा के बाहर से महसूस होना।
- वजन में बदलाव होना, अकारण वजन बढ़ना या घटना।
- त्वचा पर ऐसे घाव होना जो जल्द ठीक न हों।
- तिल और मस्सों में बदलाव होना।
- लगातार खांसी और सांस लेने में तकलीफ होना।
- निगलने में दिक्कत होना। आवाज बदलना।
- लगातार अपच की समस्या या खाने के बाद बेचैनी महसूस होना।
- लगातार बिना किसी कारण के मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना।
बचाव के लिए ये करें
- - शराब और धूम्रपान से परहेज करें।
- - शरीर का वजन नियंत्रित बनाए रखें।
- - आहार में फल और सब्जियों को अधिक मात्रा में शामिल करें।
- -नियमित रूप से व्यायाम करें, शरीर को सक्रिय बनाए रखें।
- -एचआइवी और हेपेटाइटिस-बी का टीकाकरण कराएं।
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