आशीष चौरसिया, ग्रेटर नोएडा। नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना सिटी के अलावा आसपास के अन्य शहर के लोगों को अब आठ सुपर स्पेशियलिटी सुविधाओं के लिए दिल्ली या आसपास के निजी अस्पतालों में नहीं जाना पड़ेगा। आठ सुपर स्पेशियलिटी सुविधाओं में शामिल कार्डियोलाजी, न्यूरोलाजी, आंकोलाजी, नेफ्रोलाजी के विभागों के संचालन की स्वीकृति ग्रेटर नोएडा के राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) को मंगलवार को लखनऊ स्थित लोक भवन में हुई बोर्ड की बैठक से मिल गई है। जिम्स में अब जल्द ही रोबोटिक सर्जरी भी होगी।
लोकभवन में हुई 10 वीं बोर्ड बैठक में जिम्स को लखनऊ के एसपीजीआई की तर्ज पर तैयार करने के लिए स्वीकृति दी गई है। इससे जिम्स में अब जल्द ही कार्डियोलाजी, न्यूरोलाजी, आंकोलाजी, नेफ्रोलाजी और कैंसर के अलावा अन्य सुपर स्पेयशलियटी विभागों की ओपीडी शुरू करने की स्वीकृति मिल गई है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इससे नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना सिटी, बुलंदशहर के अलावा आसपास के शहरों से आने वाले मरीजों को अब दिल्ली एम्स या निजी अस्पतालों की ओर नहीं भागना पड़ेगा। साथ ही मरीजों को कम खर्च में बेहतर उपचार की सुविधा मिल सकेगी। रोजाना सैकड़ों की संख्या में इन मरीजों के केस आते हैं, जिसके चलते ऐसे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
जिम्स में अभी कार्डियो की ओपीडी सिर्फ बुधवार और शुक्रवार सुबह आठ से 11 बजे तक होती है। इसी तरह से न्यूरो के भी डाक्टर बाहर से आकर बैठते हैं। इस कारण मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इन चार सुपर स्पेशयलिटी की सुविधाएं शुरू होने से मरीजों को जांच से लेकर उपचार तक मिलना शुरू हो जाएगा। जिम्स में हर महीने कैंसर के 10 से 20 मामले, कार्डियो के 40 से 70 केस, आंकोलाजी के 10 से 25 मामले, न्यूरो के 180 से 300 तक मामले आते हैं। इनमें से गंभीर मरीजों को हायर सेंटर के लिए रेफर करना पड़ता है।
हर तरह की रोबोट से की जाएगी सर्जरी
बोर्ड की बैठक में जिम्स में रोबोटिक सर्जरी किए जाने की भी अनुमति मिल गई है। जिम्स में रोबोट से हर तरह की सर्जरी की जाएगी। आवश्यकता पड़ने पर एम्स या पीजीआई के डाक्टरों को लाइनअप कर रोबोट से सर्जरी कराई जा सकेगी। यानी अब हर की सर्जरी जिम्स में की जा सकेगी। ॉ
अभी तक दिल्ली जाना पड़ता था, लेकिन जिम्स में यह सुविधा शुरू होने से किसी भी सर्जरी के लिए मरीजों को दिल्ली एम्स या अन्य निजी संस्थानों की ओर दौड़ने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे मरीजों का खर्च के साथ समय की बचत होगी और स्पेशल सुविधाएं भी मिलेंगी।
बोर्ड की 10 वीं बैठक में आठ सुपर स्पेशयलिटी सुविधाओं और रोबोटिक सर्जरी की अनुमति मिल गई है। हमारी कोशिश है इन सुविधाओं को जल्द ही मरीजों के लिए शुरू किया जा सके। सुपर स्पेशयलिटी सुविधाओं के लिए पोस्ट सेंशन की जा रही हैं।
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- बिग्रेडियर डा. राकेश गुप्ता, निदेशक जिम्स |