हनुमान मंदिर में पूजा करने पहुंचे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, साथ में सांसद शांभवी चौधरी, प्रो. रणबीर नंदन, सायन कुणाल व अन्य। जागरण
जागरण संवाददाता, पटना। पहले चरण में 121 सीटों पर गुरुवार को वोट डाले जाएंगे। इससे एक दिन पहले बुधवार को प्रत्याशियों के साथ बड़े नेता भी भगवान की शरण में पहुंचे।
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने पटना जंक्शन के पास महावीर मंदिर मं आराधना की। विधि विधान से हनुमान जी की पूजा करने के बाद उन्होंने आरती भी की। इसके बाद इसी मंदिर में स्थापित महादेव का रुद्राभिषेक किया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मौके पर सांसद शांभवी चौधरी भी उपस्थित रहीं। बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद के अध्यक्ष एवं पूर्व विधान पार्षद प्रो.रणबीर नंदन, हनुमान मंदिर न्यास समिति के सायन कुणाल ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का स्वागत पुष्प गुच्छ, अंग वस्त्र, भोग प्रसाद एवं चादर देकर किया।
इससे पूर्व नड्डा ने महावीर मंदिर के सचिव रहे स्व आचार्य किशोर कुणाल जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर उन्होंने बिहार और देश के समृद्धि की कामना हनुमान जी से की।
इस अवसर पर विधान पार्षद संजय मयूख,अनिल कुमार शर्मा, भाजपा युवा मोर्चा के नेता मनीष कुमार सिंह समेत कई नेता मौजूद थे।
प्रदेश की कला-संस्कृति का प्रयोग कर सजाए गए मतदान केंद्र
मतदान को एक सजीव, आनंदमय व यादगार अनुभव बनाने के लिए प्रशासन ने 49 माडल बूथ तैयार किए हैं। इन बूथों को प्रदेश की कला और संस्कृति की झलकियों से सजाया गया है, ताकि मतदाता मतदान के साथ-साथ संस्कृति और परंपरा का आनंद भी ले सकें।
बूथों में न केवल बुनियादी सुविधाओं का पूरा इंतजाम किया गया है, बल्कि सेल्फी प्वाइंट और अन्य मनोरंजन के उपाय भी हैं, ताकि मतदान केवल दायित्व नहीं बल्कि एक उत्सव के रूप में अनुभव किया जा सके।
जिला निर्वाचन पदाधिकारी डा. त्यागराजन एसएम के अनुसार, जिले के कुल 5677 मतदान केंद्रों में से 607 केंद्रों में विशेष व्यवस्थाओं का प्रबंध किया गया है। इसमें 14 बूथ दिव्यांग मतदाताओं के लिए संचालित, 3 युवा बूथ और 541 महिला मतदान केंद्र शामिल हैं।
माडल बूथ न केवल सजावट व रंग-बिरंगे अनुभव के लिए बनाए गए हैं, बल्कि ये संदेश देते हैं कि मतदाता का अधिकार सम्मान और गरिमा के साथ सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
महिला, युवा और दिव्यांग मतदाताओं के लिए विशेष व्यवस्थाएं यह संकेत देती हैं कि लोकतंत्र में हर आवाज महत्वपूर्ण है। इन प्रयासों से न सिर्फ मतदान सुगम होगा बल्कि इससे मतदाताओं का उत्साह भी बढ़ेगा। |