नई दिल्ली। भारत के सबसे अमीर व्यक्ति और रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी हैं। उनकी Forbes के अनुसार नेटवर्थ 108.1 अरब डॉलर (करीब 9,58,833 करोड़ रुपये) है। मुकेश अंबानी न केवल अपने बिजनेस बल्कि जीवन के दृष्टिकोण से भी युवाओं के लिए प्रेरणा हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अंबानी का जन्म 19 अप्रैल 1957 को हुआ था और वह आज दुनिया के नौवें सबसे अमीर व्यक्ति (Mukesh Ambani\“s Success Mantra) हैं। लेकिन उनकी सफलता सिर्फ पैसों से नहीं, बल्कि उनके सोचने और सीखने के तरीके से जुड़ी है। आइए जानते हैं मुकेश अंबानी की कुछ ऐसी सीखें जो हर व्यक्ति को अपने जीवन में अपनानी चाहिए।
डिग्री नहीं, सीखने की चाह मायने रखती है
मुकेश अंबानी ने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से एमबीए कर रहे थे, जब उनके पिता धीरूभाई अंबानी के कहने पर उन्होंने पढ़ाई बीच में छोड़कर भारत लौटने का फैसला किया। वे सीधे फैक्ट्री के मैदान में गए, कर्मचारियों के साथ काम किया और जमीन से बिजनेस सीखना शुरू किया। उनका यह कदम बताता है कि सफलता सिर्फ डिग्री से नहीं आती है, बल्कि मेहनत, जिज्ञासा और सीखने की चाह से मिलती है।
सीमाएं मत तय करो, सपनों को बड़ा रखो
एक इंटरव्यू में मुकेश अंबानी ने कहा था कि सफलता को सीमित मत करो। चुनौतियों को अवसर की तरह लो। उन्होंने खुद ऐसा ही किया। रिलायंस को एक पेट्रोकेमिकल कंपनी से आगे बढ़ाकर रिटेल, टेलीकॉम और डिजिटल सर्विसेज तक पहुंचाया।
उदाहरण के तौर पर, जियो की शुरुआत उनकी बेटी ईशा अंबानी की शिकायत से हुई। जब वह विदेश में पढ़ाई के दौरान भारत में इंटरनेट की खराब गुणवत्ता से परेशान थीं। उसी से अंबानी को देश में डिजिटल क्रांति लाने का विचार आया।
समाज के प्रति जिम्मेदारी पर फोकस
अंबानी परिवार हमेशा समाज सेवा से जुड़ा रहा है। फिर वह रिलायंस फाउंडेशन के जरिए हो, अनंत अंबानी के वंतारा प्रोजेक्ट से हो या फिर अन्न सेवा जैसे काम से।
मुकेश अंबानी कहते हैं, मेरे पिता ने सिखाया कि पैसे के पीछे मत भागो, उत्कृष्टता के पीछे भागो। पैसा अपने आप आ जाएगा।
कर्मचारियों की कद्र करना सीखो
मुकेश अंबानी का मानना है कि किसी कंपनी की सबसे बड़ी ताकत उसके कर्मचारी होते हैं। उन्होंने कहा था कि एक सफल कंपनी वही है जो अपने कर्मचारियों की भलाई को प्राथमिकता देती है। रिलायंस में उन्होंने एक सकारात्मक कार्य संस्कृति बनाई, जहां लोग खुद को परिवार का हिस्सा महसूस करते हैं।
उनके कॉलेज के दोस्त मनोज मोदी वर्षों से उनके साथ हैं और आज भी अंबानी के ‘राइट हैंड मैन’ कहे जाते हैं। दोनों ने मिलकर रिलायंस को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है।
युवाओं के लिए संदेश: सपना देखो और डटे रहो
सत्या नडेला के साथ एक बातचीत में उन्होंने कहा कि युवाओं से मेरी अपील है कि बड़ा सपना देखो। अपने जुनून और मकसद को एक लक्ष्य से जोड़ो, अगर ध्यान लक्ष्य पर है, तो बाधाएं खुद दूर होंगी। अगर ध्यान बाधाओं पर है, तो लक्ष्य कभी नहीं मिलेगा।
हार मानना विकल्प नहीं
अंबानी का मानना है कि असफलता, सफलता का एक जरूरी हिस्सा है। कभी कोई काम पहली बार में नहीं होता। असफलता सामान्य है। फर्क सिर्फ इतना है कि कौन हार मानता है और कौन फिर से कोशिश करता है।
एक-एक लाइन में मुकेश अंबानी के पांच जीवन और बिजनेस के मंत्र
1. खुद दिशा तय करो
जैसा उनके पिता ने कहा था कि अगर तुम नौकरी चाहते हो, तो मैं भूमिका बता दूंगा; लेकिन अगर तुम उद्यमी हो, तो खुद रास्ता तय करो।
2. समस्या खुद खोजो और हल करो
दूसरों से नहीं, खुद तय करो कि कौन-सी समस्या सुलझाना तुम्हारे लिए मायने रखती है।
3. समाज के लिए काम करो
बिजनेस सिर्फ मुनाफे के लिए नहीं, बल्कि समाज की भलाई के लिए होना चाहिए।
4. असफलताओं से सीखो
हर गलती अगली सफलता की सीढ़ी है।
5. सकारात्मक रहो
एक उद्यमी हमेशा आशावादी होता है। वो गिलास को आधा भरा देखता है, खाली नहीं।
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