एचआइवी संक्रमित कैदी के मामले में हाई कोर्ट ने कहा, सरकार इस पर ठोस कदम उठाए।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एसएन प्रसाद और जस्टिस संजय प्रसाद की खंडपीठ में राज्य की जेल में एचआइवी संक्रमित कैदी मिलने के मामले में शुक्रवार को सुनवाई हुई।
अदालत ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सरकार को ठोस कदम उठाने का निर्देश दिया है। अदालत ने कहा है कि कैदियों की सेहत और उनके मानवाधिकारों की सुरक्षा राज्य की जिम्मेदारी है।
सुनवाई के दौरान अदालत में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह, गृह विभाग की प्रधान सचिव वंदना दादेल सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित हुए।
सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि राज्य सरकार इस विषय पर एड्स कंट्रोल सोसाइटी के साथ विचार-विमर्श कर आवश्यक गाइडलाइन तैयार करेगी।
अदालत ने कहा कि एचआइवी एवं एड्स (रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 2017 के प्रविधानों का सख्ती से पालन होना चाहिए।
अधिनियम की धारा 13 और 14 में केंद्र एवं राज्य सरकारों को एचआइवी की रोकथाम, जांच सुविधाएं, एंटी-रेट्रोवायरल थेरेपी और अन्य चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध कराने का दायित्व सौंपा गया है।muzaffarpur-general,Muzaffarpur News,Dandiya Utsav Muzaffarpur,Bhojpuri Actress Amrapali Dubey,Dainik Jagran Dandiya,Muzaffarpur Festival Celebration,Bihar news
अदालत ने मामले की अगली सुनवाई सात नवम्बर 2025 तय की है। तब तक राज्य सरकार को विस्तृत प्रस्ताव और कार्ययोजना पेश करनी होगी।
अदालत ने अधिकारियों की व्यक्तिगत उपस्थिति से फिलहाल छूट दे दी गई है। एक कैदी के एचआइवी संक्रमित होने का मामला आने के बाद अदालत ने इस पर संज्ञान लिया है।
कैदी दो जून 2023 से हिरासत में है। पहले वह धनबाद जिला जेल में था, जिसके बाद 10 अगस्त 2024 को उसे हजारीबाग के लोक नायक जयप्रकाश केंद्रीय जेल स्थानांतरित कर दिया गया।
हिरासत के दौरान ही 24 जनवरी 2024 को उसे एचआइवी संक्रमित पाया गया। जिसके बाद अदालत ने सभी अधिकारियों को उपस्थित होने का निर्देश दिया था।
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